।। संकल्प सवेरा।।
इस दिल को समझाऊँ कैसे ?
अपनी हालात तुझे बताऊँ कैसे ।
अपनी कहानी तुझे सुनाऊँ कैसे ।।
जानती हूं मैं तू किसी और का है ।
पर इस दिल को समझाऊँ कैसे ।।
जब मेरी तुमसे बात नही होती हैं ।
न जाने कैसे ये रात गुजरती हैं ।।
माना कि तू दूर है बहुत मुझसे ।
लेकिन तूझे पास बुलाऊँ कैसे ।।
अपना हमसफर तुझे बनाऊँ कैसे ।।
अपनी दिल की जज्बात तुझे सुनाऊँ कैसे ।
तेरे बिना मेरी जिंदगी का कोई अस्तित्व नही है ।
ये बात तुझे मैं बार-बार समझाऊँ कैसे ।।
अपनी प्यार का एहसास दिलाऊँ कैसे ।
आँखों के आँसु ये दर्द छुपाऊं कैसे ।।
कितना है मेरे दिल मे तेरे लिए प्यार ।
इस बात की यकीं दिलाऊँ कैसे ।।
जीने की तेरे संग ख्वाहिश में, मैं हर रोज मरती हूँ ।
तुम आओ या न आओ लेकिन, हर रोज इंतजार करती हूँ।।
इस कदर प्यार हुआ है तुझसे , बेचैन सी रहती हूँ ।
दिनों में भी सपनो में तेरे संग खोई रहती हूँ ।।
मनीषा कुमारी
मुम्बई