शुद्ध देशी घी में बने गुझिया का मात्र एक प्रतिष्ठान आधुनिक स्वीटस एवं जलपान गृह
संकल्प सवेरा जौनपुर नकली मावे का हो डर तो गुझिया खरीदते समय रखें इन बातों का ख्याल
होली का त्योहार हो गुझिया ना हो तो रौनक फीकी पड़ जाती है गुझिया उत्तर भारत का मशहूर पकवान है इसे खासतौर पर होली के समय बनाया जाता है
शुद्ध देशी घी में बने गुझिया उसी दुकान से खरीदें जो लाइसेंस प्राप्त विश्वसनीय दुकान हो साथ ही दुकान में स्वच्छता के सभी मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता हो जहां खुले में गुझिया रखी हो मक्खियां लग रही हों ऐसी जगह से गझिया ना खरीदें
आधुनिक स्वीटस एवं जलपान गृह के प्रो0 वशीष्ट नारायन सिह कहते है कि होली का त्योहार हो गुझिया ना हो तो रौनक फीकी पड़ जाती है गुझिया उत्तर भारत का मशहूर पकवान है इसे खासतौर पर होली के समय बनाया जाता है
कई लोग बाजार से खरीदकर गुझिया खाना पसंद करते हैं पर दिक्कत ये है कि त्योहारों के समय में इनमें मिलावट की कई खबरें आती हैं ऐसे में कुछ स्टेप्स को अपनाकर आप मिलावटी गुझिया खरीदने से बच सकते हैं
अक्सर नकली मावे के कारण दुकान से गुझिया खरीदने में रिस्क रहता है इसलिए गुझिया तोड़कर अंदर की फिलिंग को सूंघकर देखें अगर बासी या सड़ी महक आए तो ना खरीदें
अगर आप घर पर गुझिया बना रहे हैं और बाजार से मावा लाते हैं तो स्टार्च की मौजूदगी की जांच के लिए खोया को परखकर लाएं. खोए की थोड़ी सी मात्रा खरीदकर घर पर उसे पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडिन मिला दें,
अगर यह नीला पड़ जाता है तो फिर इसका मतलब यह कि स्टार्च के साथ मिलावटी खोया है खोये को अंगूठे और उगंलियों के बीच मसलकर भी इसकी शुद्धता को परखा जा सकता है, अगर यह शुद्ध होगा तो मसलने से इसमें से तेल निकलेगा