कई बार जिम, योग और जुम्बा करते-करते आदमी परेशान हो जाता है और स्वास्थ्य लाभ के लिए कुछ नये बदलाव चाहता है। आप भी ऐसे बदलाव की जरूरत महसूस कर रहे हैं तो एक्रो योग का लाभ उठाएं। बता रही हैं आभा यादव
समय के साथ योग में काफी बदलाव आ रहे हैं। यही वजह है कि आज योग में डांस, एरोबिक्स, एरियल, अंडर वाटर जैसे कई तरह के विभिन्न मूव्स शामिल हो गए हैं। कुछ इसी तरह का योग है एक्रो योग।
क्या है एक्रो योग
क्लिनिक एप के सीईओ सत्काम दिव्य का कहना है, एक्रो योग एक तरह का कपल योग है, जिसमें पार्टनर एक साथ योग करके बॉडिंग, कोऑर्डिनेशन और कॉन्फिडेंस लेबल डेवलप करते हैं। अगर इस योग को रोजाना 45 मिनट किया जाए, तो यह स्ट्रेन्थ बढ़ाने के साथ-साथ पेट की चर्बी भी कम करता है। यह पेट, जांघ, बाजू को सही आकार में लाता है। इसलिए यह योग महिलाओं के लिए सबसे बेहतर है। इस योग की शुरुआत करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपका पार्टनर आपके शरीर की फिटनेस और ताकत को समझता हो, क्योंकि इन बातों का ध्यान रखकर ही आप एक्रो योग को आसानी से कर सकते हैं।
तीन बातों को जानें
एक्रो योग के अभ्यास में मुख्य रूप से तीन भूमिकाएं हैं, जिन्हें जानना जरूरी हैं-
बेस : बेस हमेशा जमीन के संपर्क में रहता है और फ्लायर को ऊपर होने में सहायता करता है।
फ्लायर: जो बेस की सहायता से हवा में उठा रहता है।
स्पॉटर : यह वह व्यक्ति होता है, जो जोड़ियों पर नजर रखता है और सुनिश्चित करता है कि जो फ्लायर है, सुरक्षित रहे।
एक्रो योग करने के तरीके
बर्ड पोज : इसके लिए मैट पर सीधे लेट जाएं। अब फर्श से ऊपर की ओर पैरों को उठाएं। इसके बाद फ्लायर इस तरह ऊपर उठे कि उसके पैरों की उंगलियां दूसरे पार्टनर की उंगलियों को छुएं। यह फ्लायर की जिम्मेदारी है कि पार्टनर के पैरों के बाहरी हिस्सों को अपने कूल्हे की हड्डी पर सही तरीके से रखे। अब अपनी हथेली को आगे की तरफ बढ़ाएं। मैट पर लेटे हुए पार्टनर भी अपनी हथेली को ऊपर की तरह उठाए और फ्लायर की हथेली को थाम ले। ऐसा करने के बाद सांस अंदर लेते हुए अपने घुटने को मोड़ लें। फिर सांस छोड़ते हुए अपने पैरों और बाहों को सीधा करें। कंधे का भार कलाइयों पर दें। इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके और फ्लायर के कंधे एक समान हों। इस पोज से बाहर आने के लिए अपने घुटने और कोहनी को झुकाएं और धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं।
फोल्डेड लीफ : इस पोज को करने के लिए अपने पैरों को उठाएं और पार्टनर के कूल्हे की हड्डी पर नहीं, बल्कि कूल्हे के अंदर की तरफ मोड़ कर रखें। अपनी हथेलियों को आगे की तरफ ले जाएं, फिर धीरे- धीरे अपने घुटने को झुकाएं और पार्टनर को उठाएं। फिर अपनी बाहों को आराम दें। अब पीछे की ओर जाएं। अपने पैरों को फर्श की तरफ रखें और पूरे शरीर को आराम देने के लिए लटका दें। इस पोज से बाहर आने के लिए धीरे-धीरे अपनी हथेलियों का सहारा लेते हुए पार्टनर को पकड़ें। फिर अपने घुटने को झुकाएं। फिर इस पोज से धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इसमें और भी अनेक पोज हैं, जिनके ढेर सारे अलग-अलग लाभ हैं।
बरतें सावधानी
एक्रो-योग की शुरुआत विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें, ताकि आपको किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। जब आप इसे अच्छी तरह समझ लें और यह अभ्यास हो जाए कि आप इसे खुद से कर सकते हैं, तभी स्वयं से अभ्यास शुरू करें।