ज्ञान प्रकाश सिंह जौनपुर के विकास का नया इतिहास लिखते,लेकिन किस्मत ने नही खटखटाया दरवाजा
ज्ञान प्रकाश सिंह जौनपुर के विकास में एक नया इतिहास लिखना चाहते थे,लेकिन किस्मत ने साथ नही दिया।
ज्ञान प्रकाश सिंह जी जौनपुर का सपना साकार करना चाहते थे, जहां आम लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ उनके बच्चों को उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा मिले। एक ऐसा जौनपुर, जहां के हर युवाओं के हाथ में काम हो। अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर यहां के खिलाड़ी पूरे देश में जौनपुर का नाम रोशन कर सकें
जैसा कि आप सभी जानते होंगे
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए जौनपुर से सर्वाधिक 1.21करोड़ रुपए का योगदान देने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए ज्ञान प्रकाश सिंह पिछले तीन दशक से सामाजिक सेवा कर रहे हैं। जौनपुर से लेकर मुंबई तक आम लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में वे अबतक करोड़ों रूपयों का योगदान कर चुके हैं।
उनका साफ कहना है कि पौराणिक काल में भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि के नाम पर जमदग्नि पुर तथा मुगल काल में सिराजे हिंद के नाम से मशहूर रहा जौनपुर आज स्वास्थ, तकनीकी शिक्षा और रोजगार की दौड़ में सबसे आगे ले जाना चाहते है। प्रतिभा संपन्न होने के बावजूद यहां का युवा नौकरी की तलाश में देश के महानगरों और विदेशों में जाने के लिए विवश हैं।
ज्ञान प्रकाश सिंह का मानना है कि मुंबई उनके लिए माता यशोदा की तरह है तो जौनपुर उनके लिए माता देवकी की तरह है। वे मुंबई की तरह जौनपुर को भी खुशहाल और तरक्की की राह पर तेजी से बढ़ने वाला शहर बनाना चाहते हैं। परंतु इसके लिए मुंबई में रहने वाले हर उसे व्यक्ति को आगे आना होगा जिसकी मातृभूमि जौनपुर है।
ज्ञान प्रकाश सिंह 1991 से ही भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है। भाजपा नेता रामदास नायक के आशीर्वाद से राजनीति में पदार्पण करने वाले ज्ञान प्रकाश सिंह आज भी अपने आप को बीजेपी का एक सिपाही मात्र मानते हैं। बीजेपी ने जौनपुर से पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है।