आजादी के अमृत महोत्सव का हुआ भव्य समापन कार्यक्रम
हजारों लोगों ने एक साथ गाया वंदे मातरम
मछलीशहर,संकल्प सवेरा। स्थानीय इंटर कॉलेज के मैदान में आजादी के अमृत महोत्सव का समापन कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्कूली बच्चों ने राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत नृत्य नाटक प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी ने कहा की अमृत महोत्सव के माध्यम से हम अपने गुमनाम वीर शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं जो गुमनामी में रहकर भी देश के प्रति अपना सर्वस्व निछावर किए हैं । कहा कि भारतीय सैनिकों की वीरता की गाथाओं से हम परिचित हैं आज जब भारत की सीमाओं पर शत्रु देश हमेशा और सर की ताक में है तब हमारी सेनाएं अत्यंत जो करनी है और उसी वजह से हम और हमारा देश सुरक्षित है
आज हमें स्मरण कर रहे हैं भारत के सैन्य शक्ति के उस शौर्य की जिसमें 16 दिसंबर को ही भारत ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था आज हमारा देश ढाका विजय दिवस की 50वीं सालगिरह को एक यादगार के रूप में मना रहा है
यह दिवस आज इसलिए भी प्रासंगिक है क्योंकि इस वर्ष भारत देश स्वतंत्र का अमृत महोत्सव भी बना रहा है।कहा कि स्वाधीनता संघर्ष में राजनैतिक धार्मिक आंदोलन, कृषक मजदूर जनजाति आंदोलन ,अपदस्थ शासकों के आंदोलन ,सांस्कृतिक पुनर्जागरण क्रांतिकारी राष्ट्रवादी आंदोलन की अनेक धाराएं एक साथ प्रवाहित हो रही थी। स्वाधीनता संघर्ष कुछ जनौ तक ही सीमित नहीं था अपितु यह संपूर्ण राष्ट्र द्वारा अनेक माध्यमों से अभिव्यक्त हो रहा था।
कहा कि अमृत महोत्सव कार्यक्रम आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता के बीच समन्वय के लिए भी चलाया गया। कहा कि आज के ही दिन हमारे देश के वीर सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना को न सिर्फ पराजित किया बल्कि हजारों पाकिस्तानी सैनिकों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया। कहा कि देश को पुरातन परंपरा के साथ नए मानक बनाने और अपनाने का संकल्प लेना चाहिए तभी नए भारत संकल्पना साकार होगी।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि विजय शंकर तिवारी विशिष्ट अतिथि सुरेश चंद पाठक जगदीश सिंह ने भी संबोधित किया अध्यक्षता राम अभिलाष पाल ने और संचालन विशंभर दुबे ने किया। इस मौके पर पूरा इंटर कॉलेज परिसर तिरंगे से पड़ गया था। कार्यक्रम की समाप्ति से पूर्व हजारों की भीड़ ने सामूहिक रूप से खड़े होकर वंदे मातरम का गान किया।