जौनपुर। पेरोल की समय सीमा खत्म होने के बाद गिरफ्तारी के भय से चार कैदी बुधवार को खुद बाकी सजा काटने के लिए जेल में हाजिर हो गए। अभी बचे 20 कैदियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थानों की पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव को गत तीन अप्रैल को ऐसेे 40 कैदियों को जिला कारागार से आठ सप्ताह के पेरोल पर रिहा किया गया था, जिन्हें दोष सिद्ध होने पर सात साल या इससे कम की सजा सुनाई जा चुकी है। पेरोल की मियाद खत्म होने से पहले ही जून माह में दूसरी बार और फिर सितंबर में तीसरी बार सरकार ने आठ-आठ सप्ताह के लिए फिर बढ़ा दिया था। गत 19 नवंबर को सरकार ने इसे आगे न बढ़ाने का निर्णय लेते हुए

इन्हें 21 नवंबर तक जेल में वापस लौटने का आदेश दिया था। जेल प्रशासन द्वारा सूचना दिए जाने पर मियाद खत्म होने तक सिर्फ सात कैदियों ने आमद कराई थी। जेल अधीक्षक एसके पांडेय द्वारा अग्रिम कार्रवाई के लिए एसपी राज करन नय्यर को सूची सहित पत्र लिखे जाने के बाद दस दिन के भीतर 13 और कैदी वापस आ चुके हैं। अब बचे 20 कैदी जेल ही नहीं पुलिस प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं। एसपी के आदेश पर संबंधित थानों की पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर जेल में दाखिल करने के लिए लगातार दबिश दे रही है।
कारागार में 30 बंदियों को बांटा ड्रेस व डायरी
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिला कारागार में टीएस स्किल एंड टेक संस्था की ओर से चलाए जा रहे इलेक्ट्रिकल डोमेस्टिक सेल्युसन प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे बंदियों को गुरुवार को ड्रेस, डायरी व किताब आदि का वितरण किया गया। संस्था की ओर से 30 बंदियों को 350 घंटे (तीन माह) का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। संस्था के प्रशिक्षक अरुण कुमार ने बताया कि बंदियों को रोजगार से जोडऩे के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है।












