पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सियासी रणनीति का लोहा उनके विरोधी भी मानने लगे
रिपोर्ट:- खुर्शीद अनवर खान
संकल्प सवेरा, जौनपुर। एक तरफ़ शासन सत्ता का बल दूसरी तरफ़ मुम्बईया सेठ का धनबल और तीसरी तरफ़ सूबे के प्रमुख विपक्षी दल का सँख्या बल ।इस चक्रव्यूह को भेदना आसान नही था।जब पूरे सूबे में सत्ता की हनक के आगे समाजवादी पार्टी जैसा मज़बूत दल नतमस्तक नज़र आया तब जौनपुर में निर्दल श्रीकला सिंह की ऐतिहासिक जीत से बड़े बड़े सियासी पण्डित हैरत में हैँ।
बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सियासी रणनीति का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं।हाल ही में उप चुनाव में हार के बाद भी राजनैतिक समीक्षकों ने धनंजय की लोकप्रियता और रणनीति का लोहा माना। दरअसल ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्ज़े की रणनीति पूर्व सांसद ने पंचायत चुनाव के वक़्त ही बना ली थी।
उन्होंने तक़रीबन तीन दर्जन से अधिक मजबूत प्रत्याशियों को चुनाव में न केवल आर्थिक मदद दी बल्कि अपनी टीम को उन्हें चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी।नतीजा यह कि निर्दलीय के अलावा विभिन्न दलों से जीते दो दर्जन से ज़्यादा अंदर खाने में धनंजय सिंह के आदमी थे।
इन सबके बाद भी पूर्व सांसद को अंदाज़ा था कि मुम्बइया सेठ भाजपा के प्रत्याशी घोषित हुए तो चुनाव मुश्किल होगा।लिहाज़ा बाहुबली नेता ने अपना दल की अनुप्रिया पटेल से मिलके उन्हें समझाया कि अगर वह भाजपा से जौनपुर की सीट अपना दल के लिए छुड़ा कर श्रीकला सिंह को प्रत्याशी बना दें तो यह सीट अपना दल गारंटी से जीत लेगी।
इस रणनीति में मड़ियाहूं की विधायक लीना तिवारी और उनके पुत्र सात्विक तिवारी ने भी भूमिका निभाई।अनुप्रिया ने भजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात कर जौनपुर की सीट अपना दल के लिए छुड़वा ली।
इस खबर से घबराए सेठ जी भागे हुए दिल्ली पहुंचे और भजपा के बड़े नेताओं को सेट किया।अब भाजपा ने पैंतरा बदला और अनुप्रिया को सीट देने के साथ एक शर्त लगा दी कि टिकट धनंजय के परिवार को नही देना है।
धनंजय सिंह यूं कि दो दशक से ज़िले की राजनीति में नहीं छाए हैं।खतरे का एहसास होते ही उन्होंने गेम की रणनीति पलट दी।पत्नी को निर्दल उतारा और अपनी ही टीम से एक गुमनाम महिला सदस्य को अपना दल का प्रत्याशी घोषित करवा दिया।इस एक तीर से कई निशाने लगे।प्रमुख प्रतिद्वंदी यहीं से लड़ाई से बाहर हो गए।भाजपा में बैठे धनंजय सिंह विरोधी गुट लाचार हो गया।चाह कर भी सेठ जी की मदद न कर सका।प्रशासन भीतर खाने में खेल करता इससे पहले अपना दल के पप्पू माली ने प्रेस कांफ्रेस करके प्रशासन को बैकफुट पर कर दिया।
नतीजा आपके सामने है












