व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को दिया अर्घ्य
गाजे बाजे के साथ व्रती महिलाये पैदल भाग लेती है
संकल्प सवेरा,जौनपुर 7 नवंबर। वृहस्पतिवार को व्रती महिलाएं 36 घंटे कठिन नियमों का पालन करते हुए गोमती नदी नैपूरा घाट पर स्नान कर पानी में खड़े होकर डूबते भगवान भास्कर को प्रणाम किया ।
व्रती महिलाएं 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखती है चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय खाय के साथ हुई 7 नवंबर को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात ही 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही इसका समापन होगा ।सूर्यदेव की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है ।
व्रती महिलाएं टोकरी में दीपक अगरबत्ती , कुम कुम चंदन ,धूप अगरबत्ती ,फूल ,पान के पत्ते , माचिस ,सुपारी ,शहद , हल्दी , मूली ,नारियल ,अक्षत , शरीफा ,केला नाशपाती ,मिठाई घी ,गुड , सिंदूर , गन्ना , शकर कंद आदि काफी सामानों के साथ भगवान सूर्य को व्रती महिलाएं अर्घ्य देती है ।
नैपूरा,विझवार सारंग ,सागर ,रामपुर , इटैली ,सोसा पट्टी , बासू पट्टी कन्हौली ,बैरिया नारायणपुर आदि दर्जनों गांवो से गोमती नदी नैपूरा के तट पर व्रती महिलाएं ,बच्चे , सहितआदि भारी संख्या में सम्मिलित होते हैं ।
महिलाएं पैदल चलकर छठी मैया का गीत गाते हुए नदी के किनारे आती है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कृष्ण कुमार नागर द्वारा साफ सफाई लाइटिंग व्यवस्था ,एवं पुलिस की सहायता कराई गई है जिससे किसी भी किस्म का उपद्रव न हो पाए समुचित व्यवस्था आदि ठीक मौके पर देखने को मिली है