मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की हरसंभव कोशिश
मातृ मृत्यु की सूचना देने वाले को मिलेंगे 1000 रुपये
सूचना देने वाले को देनी होगी मृत महिला की सम्पूर्ण जानकारी
क्षेत्रीय प्रभारी चिकित्सक की रिपोर्ट के बाद ब्लाक स्तरीय गठित टीम सूचना का करेगी सत्यापन
संकल्प सवेरा जौनपुर, मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने एक पहल की है कि टोल फ्री नम्बर 104 पर कोई भी व्यक्ति मातृ मृत्यु के बारे में सूचना दे सकता है। सूचना के सत्यापन के बाद प्रथम सूचना देने वाले व्यक्ति के खाते में 1,000 रुपए की धनराशि भेज दी जाएगी। मातृ मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले व्यक्ति के लिए उस महिला का नाम, आयु, पति का नाम, घर का पता बताना जरूरी होगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि यह पहल सुमन ‘सुरक्षित मातृत्व आश्वासन’ कार्यक्रम के अंतर्गत की गयी है। इसका उद्देश्य मातृ मृत्यु की रिपोर्टिंग में सुधार लाना है। मातृ मृत्यु की सूचना समुदाय का हर कोई जैसे आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या कोई अन्य भी दे सकता है। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एक सप्ताह के अंदर जनपद को विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे । इसके बाद ब्लाक स्तर पर गठित टीम मामले की जांच करेगी। इस दौरान वह मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाएगी तथा मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
क्या है मातृ मृत्यु दर :
एक लाख महिलाओं में से जिन महिलाओं की प्रसव पूर्व या प्रसव बाद मौत हुई हो, इसे ही मातृ मृत्यु दर कहते हैं। एन्युअल हेल्थ सर्वे (एएचएस) के अनुसार वर्ष 2012-13 में वाराणसी मंडल की मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 281 थी। साल 2016 से 2018 में जारी सैम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार राज्य की मातृ मृत्यु दर 197 हो गई है जो साल 2014 से 2016 में 201 थी।
रीप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ सत्य नारायण हरिश्चंद्र ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” के तहत गर्भवती को गुणात्मक सेवाएं दी जा रही हैं। मातृ मृत्यु एवं नवजात की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता नीरज सिंह ने बताया कि 2020-21 में 56 मातृ मृत्यु की रिपोर्टिंग हुई थी। इस वर्ष अभी तक 21 मातृ मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है।
सुमन कार्यक्रम का उद्देश्य:-
महिलाओं को उच्च गुणवत्तायुक्त चिकित्सकीय सुविधा, आपातकालीन सेवाएं तथा रेफरल प्रदान करना
संस्थागत एवं अन्य समुदाय आधारित प्लेटफार्मों जैसे कि गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज संस्थानों और समुदाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों के सहयोग से जागरूकता फैलाना जिससे मातृ मृत्यु की 100 प्रतिशत रिपोर्टिंग एवं समीक्षा करने में मदद मिल सके।
मातृ सेवाओं के लिए मरीज की प्रतिक्रिया तथा शिकायतों के निवारण की एक प्रणाली क्रियान्वित करना
समस्त सेवा प्रदाताओं में जागरूकता बढ़ाना एवं क्षमतावर्धन करना
अंतर्विभागीय समन्वय के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना
सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत मिलती हैं यह सुविधाएं :
हर महिला को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) जांच तथा द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा कम से कम एक परीक्षण।
एएनसी के लिए आने वाली सभी गर्भवती का पंजीकरण कराते हुए मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड एवं सुरक्षित मातृत्व पुस्तिका का वितरण
नि:शुल्क सामान्य/ सिजेरियन प्रसव तथा प्रसव के दौरान जटिलताओं का प्रबंधन
नि:शुल्क मातृ एवं शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग एवं समीक्षा
नवजात शिशुओं के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं
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