संकल्प सवेरा सिकरारा। देश के प्रख्यात डीएनए वैज्ञानिक पद्मश्री डा. लालजी सिंह की 75वीं जयंती उनके पैतृक गांव कलवारी में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। उनके द्वारा स्थापित राहुल पीजी कालेज पर आयोजित कार्यक्रम में डा. लालजी सिंह के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर वक्ताओं ने उन्हें देश सेवा में समर्पित मानवीय गुणों की प्रतिमूर्ति तथा विलक्षण प्रतिभा का धनी बताया।
कहा कि डा. लालजी सिंह गांव की सोंधी माटी की उपज हैं। इस मेधा ने अपने शोध व प्रयोगों से देश दुनियां में जनपद ही देश को विशिष्ट पहचान दिलाई। कुलपति ने पौधरोपण किया। मुख्य अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कहा कि प्रो. लालजी सिंह देश की अनमोल धरोहर हैं। वे अपने विशिष्ट शोध कार्यों से युगों युगों तक विज्ञान जगत में आदर पूर्वक याद किए जाएंगे। समाज में दो तरह के लोग होते है। एक व्यक्ति दूसरा व्यक्तित्व।व्यक्ति जन्म लेने जीवन यात्रा पूरी करने के बाद चला जाता है उसके बाद सब कहानी खत्म। लेकिन दूसरा व्यक्ति अपने कार्यो से ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करता है जिसे लोग युगों तक याद करते है।
विशिष्ट अतिथि बीएचयू के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा डा. लालजी सिंह के निर्देशन में उन्होंने जो कुछ अर्जित किया है, कोशिश होगी कि उनके द्वारा स्थापित जीनोम फाउंडेशन में सूद सहित वापस कर सकूं। अपने शोधों से उन्होंने समाज के लिए जो उपहार दिया है वह अतुलनीय है। वक्ताओं में डा. सुशांत उपाध्याय, डा. संजीव मौर्य,पूर्व प्रमुख सुधाकर उपाध्याय, डा. अभय गुप्ता, डा. संजय विश्वकर्मा, डा. अजय पाठक व डा संजीव मौर्य रहे।
इस मौके पर कुछ शोध छात्रों व जीनोम फाउंडेशन से जुड़े लोगों कर्मचारियों को पद्मश्री की स्मृति में पीयू कुलपति द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। राहुल पीजी कालेज के प्राचार्य डा. एके श्रीवास्तव ने स्वागत किया। जीनोम फाउंडेशन के संचालक डा. आशीष सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आभार प्रबंधक अमिताभ सिंह डब्बू ने ज्ञापित किया। संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत शिक्षक लल्लन उपाध्याय ने किया