इंदौर,संकल्प सवेरा। कोरोना के इलाज में उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और कालाबाजारी के बीच नकली इंजेक्शन बेचे जाने का मामला भी सामने आया है। इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दवा फैक्ट्री संचालक डॉ. विनय शंकर को 400 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस और खाद्य एवं औषधि प्रशासन का दावा है कि जब्त इंजेक्शन नकली हैं। आरोपित ने सूरजपुर (हिमाचल प्रदेश) की एक दवा कंपनी से ये इंजेक्शन बनवाए थे। रिपोर्ट के मुताबिक जब्त इंजेक्शन लगाने से इंसान की जान भी जा सकती है।
डीआइजी मनीष कपूरिया के मुताबिक दवा बाजार में रेमडेसिविर की कमी होने के बाद खबरें मिल रही थी कि दलाल, अस्पतालकर्मी और मेडिकल संचालक उन दवाओं की कालाबाजारी कर रहे हैं जिनकी कोरोना मरीजों को अधिक आवश्यकता है। बुधवार रात पुलिस को सूचना मिली कि इंदौर के रानीबाग खंडवा रोड निवासी डॉ. विनय शंकर पुत्र ब्रजकुमार 15 से 20 हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा है। पुलिस ने ग्राहक बनकर संपर्क किया और आरोपित को रानीबाग से उस वक्त पकड़ लिया जब वह काले रंग की सफारी कार (एमपी 09सीएम 5172) से डिलीवरी देने जा रहा