शशिराज सिन्हा
जौनपुर। जौनपुर में डेगूं का प्रकोप है और आये दिन इससे पीड़ित लोगों का पता लग रहा है। जिला अस्पताल में डेगूं की दवाओं का अभाव है और मरीजों को बाहर दुकानों पर महंगी और संदिग्ध दवायें उपलब्ध हो रही है। इसकी वजह से गरीबों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। विगत दिनों हुई बरसात के बाद और जगह जगह फैली गन्दगी और उसके निस्तारण में नगर पालिका द्वारा की जा रही लापरवाही से मच्छरों में गुणात्मक वृद्धि हो गयी है और लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे है। नगर पालिका द्वारा षहर में न फागिंग करायी जा रही और न नालियों में मच्छरमार दवा का छिड़काव हो रहा है। जिसकी वजह से मच्छर दिन में ही परेषान कर रहे है और डेगूं, मलेरिया सहित अनेक प्रकार की मच्छर जनित बीमारियों की बाढ़ आ गयी है। जिला अस्पताल में गिनी चुनी दवायें उपलब्ध है। हालत यह है कि जिला अस्पताल में जांच के लिए कम्प्युटर से नम्बर लगाया जाता है जहां डेगूं और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की भीड़ रहती है लेकिन कम्प्युटर आपरेटर अपने षुभचिन्तकों एवं स्टाफ के लोगों के नाम पर कतारबद्ध लोगों को नजर अन्दाज करते हुए मनमाने तरीके से चांज के लिए नम्बर लगाने के महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दिया जा रहा हैं। इस मनमानी की षिकायत जब लोग मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से करते हैं तो सख्त निर्देष न देकर हीला हवाली की जाती है। इस दुव्र्यस्था के कारण दूर दराज से जांच कराने वालों लोगों को घण्टों लाइन लगानी पड़ती है और दबंग लोग चन्द मिनट में अपना जांच कराने में सफल हो जाते है। जिला अस्पताल पर कई मरीजों ने बताया कि नवागत जिलाधिकारी से इस दुव्र्यवस्था और मनमानी की षिकायत की जायेगी।