जौनपुर,संकल्प सवेरा। तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी कथा साहित्य में लेखिकाओं का योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ महाविद्यालय के सेमिनार हाल में आज 30 मार्च २०२१ को हुआ। डा महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने उद्घाटन उद्बोधन दिया एवं अतिथियों का परिचय कराया। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ सरोज सिंह, पूर्व प्राचार्य सभी सम्मानित जनों एवम् कहानी के विकास पर प्रकाश डालते हुए विषय वस्तु प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी हिन्दी विभाग की प्रो श्रद्धा सिंह मुख्य वक्ता ने कहा बंग महिला से शुरू हुआ लेखिकाओं का दौर आज समृद्धि के शिखर पर हैं। काशी विद्यापीठ के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो शिव कुमार मिश्र मुख्य अतिथि ने कहा कि आज का दौर महीला कलाकारों का हैं। इस समय हिन्दी साहित्य में महिलाओं का बोलबाला है। महाविद्यालय के प्रबन्धक अशोक कुमार सिंह ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए डा महेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवम् अन्य सहयोगी जन प्राध्यापको को बधाई दी। महाविद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष, प्रोफेसर प्रकाश सिंह ने संगोष्ठी के विषय को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं। ऐसे विषय पर संगोष्ठी आयोजन सराहनीय है। कार्यक्रम में उपस्थित प्राध्यापक गण में डा राजदेव दूबे, डा अनिल कुमार सिंह, डा सुरेश यादव, डा नरेंद्र पाठक, डा सुधीर त्रिपाठी, देवेंद्र सिंह, डा मनोज कुमार सिंह, डा अजय कुमार दूबे, डा दयाशंकर यादव (सकल डीहा), डा रत्नेश त्रिपाठी, डा ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, डा ओम प्रकाश सिंह, डा शैलेंद्र सिंह, डा राजीव सिंह, डा वंदना सिंह, श्री माधवन सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय एवं शोध छात्र/छात्राए। कार्यक्रम अयोजन में श्री चंद्र प्रकाश गिरि का योगदान रहा। डा महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम का बखूबी संचालन किया।हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुषमा सिंह ने महिलाओं की समाज में उत्कृष्ट भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया