जौनपुर/शाहगंज शाहगंज के स्थानीय राजकीय पुरुष चिकित्सालय परिसर स्थित कोरोना पॉजिटिव चिकित्सक के सरकारी आवास पर महिला की हालात बिगड़ शनिवार को बिगड़ गई थी। आनन फानन में उसे इमर्जेंसी वार्ड में रखकर रेफर करने की कवायद शुरू हुई थी। तब तक महिला की मौत हो गई थी। गुस्साए परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।
खेतासराय के डोभी निवासी दुर्गावती देवी (45) पत्नी जियालाल को पेट में दर्द होने पर परिजन अस्पताल लाए थे। जिला अस्पताल में तैनात डॉ. डीएस यादव ने अपने सरकारी आवास पर महिला का उपचार शुरू किया था। थोड़ी ही देर में उसकी हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने अपने आवास से इमरजेंसी वार्ड में उसे रखकर ड्यूटी पर तैनात डॉ. अमित कुमार से उसको रेफर के कागजात तैयार कराने लगे। इसी बीच महिला की मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही परिवार के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि हालत खराब होने पर डॉ. डीएस यादव और अस्पताल के डॉक्टरों को सूचना दी गई, लेकिन किसी ने भी देखना मुनासिब नहीं समझा। इस बाबत डॉ. डीएस यादव ने कहा कि महिला को लेकर परिजन पांच बजे आए थे। एक्सरे रिपोर्ट में महिला की हालत गंभीर होने पर उसे तत्काल रेफर कर दिया गया। हादसे से उसका पुत्र विरेन्द्र राजभर सदमे मे है उसकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है।
वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके शर्मा ने बताया कि डॉ. डीएस यादव की ड्यूटी जिला अस्पताल में है। अगर वह शाहगंज सीएचसी पर रह रहे हैं तो गलत है। उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा।