लखनऊ (Lucknow) की हजरतगंज पुलिस ने 3 जून को अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) को गिरफ्तार किया था. राजस्थान से 1000 बस विवाद को लेकर फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज हुई थी, इसमें अजय कुमार लल्लू पर धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) से जमानत (Bail) मिल गई है. 3 जून को हजरतगंज पुलिस ने अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार किया था. राजस्थान से 1000 बस विवाद को लेकर फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज हुई थी, इसमें अजय कुमार लल्लू पर धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज है.बता दें पिछले शुक्रवार को अजय कुमार लल्लू को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी थी. हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने 16 जून को मामले की केस डायरी तलब की थी. उधर मामले में कांग्रेस लगातार योगी सरकार पर हमला कर रही है. उसका कहना है कि सरकार ने जान-बूझकर ये षड्यंत्र रचा है. कांग्रेस ने अजय कुमार लल्लू को लेकर पिछले दिनों प्रदेश भर में प्रदर्शन भी किया.
ये है पूरा मामला
दरअसल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467 और 468 के तहत दर्ज किया गया है.
70 बसों का नहीं है कोई रिकॉर्ड
यह मुकदमा उत्तर प्रदेश सरकार के उस आरोप के बाद दर्ज किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दी गई 1000 बसों की लिस्ट में शामिल कुछ वाहनों के नंबर दो पहिया, तिपहिया वाहनों तथा कारों के तौर पर दर्ज पाए गए हैं. प्रवक्ता ने बताया कि कांग्रेस की ओर से जिन 1000 बसों की सूची सौंपी गई थी, उनमें 79 पूरी तरह से अनफिट हैं. इसके अलावा 279 बसों का फिटनेस और बीमा संबंधी प्रपत्र एक्सपायर हो चुका है. साथ ही 100 बसें ऐसी हैं, जिनके नम्बर एम्बुलेंस, तिपहिया वाहन, आटो रिक्शा, ट्रक और अन्य वाहनों के नाम पर दर्ज हैं. वहीं, 70 बसों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.