उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पारित, सभी के लिए समान नियम
संकल्प सवेरा। उत्तराखंड विधानसभा में कॉमन सिविल कोड बिल पारित हो गया है। इसमें सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकार होंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में द्वारा कॉमन सिविल कोड बिल को विधान पटल पर रखा था। इस पर दो दिन तक बहस चली। उसके बाद आज विधानसभा में कॉमन सिविल कोड बिल पास हो गया है।
विधानसभा में इस पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेम अग्रवाल ने कहा था कि ये हमारा सौभाग्य है कि हम इस स्वर्णिम सत्र में चर्चा कर रहे हैं, जिसके लिए हमारी पार्टी बरसों से प्रतीक्षा की। हम पूरे राज्य में एक समान संहिता लागू करने जा रहे हैं। कॉमल सिविल कोड लागू होने से उत्तराखंड में बहु विवाह पर रोक लग जाएगी। पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी गैर- कानूनी मानी जाएगी। इसके साथ ही लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर 6 महीने तक की सकती है।
उत्तराखंड में अब हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए एक ही नियम होंगे। सभी के लिए बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक के लिए समान प्रक्रियाएं होगी। लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विरासत, गोद लेने के लिए भी सभी के लिए एक ही नियम होगा। विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है।