बच्चों के अधिकार, पास्को अधिनियम-2012 व बाल श्रम विषय पर हुई शिविर
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रभारी जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर, के आदेशानुसार वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) के नियमानुसार सामाजिक दूरी एवं अन्य प्राविधानित नियमों का पालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी जौनपुर के सहयोग से ‘‘बच्चों के अधिकार, पास्को अधिनियम-2012 व बाल श्रम‘‘ विषय पर ‘‘जिला बाल संरक्षण इकाई सभागार जौनपुर‘‘ में आज 17 जून 2020 को सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सदस्य, बाल कल्याण समिति सुबाश चन्द्र मिश्र द्वारा बच्चों के विभिन्न अधिकारों, बालश्रम एवं चाइल्ड हेल्प लाईन से सम्बन्धित कानूनी जानकारी प्रदान की गयी। श्रीमती ममता श्रीवास्तव द्वारा बच्चों को मात्र अभिभावक पर आश्रित न होना बल्कि उन्हें स्वावलंबी बनाये जाने को जोर दिया गया, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति अनिल कुमार यादव द्वारा बच्चों के अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि केवल कानून पारित हो जाने से समाज में परिवर्तन नहीं हो सकता बल्कि बच्चों के साथ ही साथ परिवार के सदस्यों को भी जागरूक किये जाने की आवश्यकता है, ताकि अभिभावक अपने बच्चों में सजा का भय पैदा करें। जिला बाल संरक्षण अधिकारी संतोश कुमार सोनी द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि बाल अपराध को रोकने के लिए मात्र कानून बन जाने से उनकी मानसिकता को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि अपराध करने वाले बच्चों को कानून एवं उसके दण्ड की जानकारी न होने के कारण बाल अपराध बढ़ता है। बच्चों एवं उनके अभिभावकों को कानून एवं उसमे दी जाने वाली सजा की जानकारी होने पर अपने बच्चों को उसके बारे में जागरूक करेगें जिससे अपराध रोका जा सकता है, तथा यह भी बताया कि इसके लिये लगातार प्रयास करना होगा।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर श्रीमती प्रदीप्ति सिंह द्वारा भारतीय संविधान में वर्णित बच्चों के अधिकार, बालश्रम एवं भारत सरकार की ‘‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं‘‘ योजना एवं वर्तमान समय में समाज मंे बढ़ रहे बाल यौन अपराध एवं सजा के प्रावधानों पोक्सों अधिनियम 2012 के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस अधिनियम के तहत दोषी को 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा और जुर्माना भरना पड़ सकता है। उनके द्वारा बताया गया कि बच्चों को विधिक जानकारी के साथ ही साथ उनके माता-पिता को भी जानकारी प्रदान कराये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया तथा लोगों से अपील की गयी कि वर्तमान में हम सभी मिलकर लोगों को जागरूक करें एवं बाल अपराध को रोकने में सहयोग प्रदान करें, जिससे सुरक्षित एवं सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए बाल कल्याण अधिकारी चंदन राय द्वारा बच्चों के अपराध रोकने हेतु पुलिस, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला बाल कल्याण अधिकारी स्तर पर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा गया कि लोगांे में कानून और उसमें दी जाने वाली सजा की जानकारी होने पर लोगों में भय पैदा होगा। उनके द्वारा 1098 चाईल्ड हेल्प लाइन एवं आॅनलाइन एफ0आई0आर0 दर्ज कराये जाने के बारे में जानकारी प्रदान की गयी, तथा इस पर लगातार प्रयास करने पर जोर दिया गया।