मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना : 15 दिन में पूर्ण हो लाभार्थियों का चिन्हांकन
जिलाधिकारी ने आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर जिला प्रोबेशन कार्यालय भेजने के दिए निर्देश
संकल्प सवेरा,जौनपुर,। कोविड-19 या अन्य कारणों से माता-पिता या अभिभावक को खोने वाले बच्चों/किशोरों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत आर्थिक लाभ दिलाने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जिले के सभी उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) और खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) को पत्र जारी किया है। इसके तहत पात्र लाभार्थियों का चिन्हांकन व आवेदन फार्म भरने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
समय से आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर जिला प्रोबेशन कार्यालय फार्म भेजने का निर्देश दिया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार ने बताया कि योजना से लाभान्वित किए जाने वाले बच्चों की श्रेणियां/पात्रता निर्धारित की गई है। बताया गया है कि 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों, माता-पिता में किसी एक की अथवा वैध अभिभावकों की मृत्यु एक मार्च 2020 के बाद हुई हो। 18 से 23 वर्ष की आयु के ऐसे किशोर जिनके माता-पिता दोनों, माता-पिता में किसी एक की, अथवा वैध अभिभावकों की मृत्यु हो गई है।
उनको कक्षा- 12 तक की शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करने वाले, अथवा नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना में लाभान्वित किया जाएगा।

केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य समरूपी योजना यथा बाल श्रमिक विद्या योजना आदि का लाभ प्राप्त कर रहे परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा जबकि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे बच्चों को जो 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 12 तक की शिक्षा पूरी करने के बाद भी राजकीय महाविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करने वाले एवं नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय अथवा राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शुरू शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक योजना का लाभ दिया जाएगा।
18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार, पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भिक्षावृत्ति, वैश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा।
बच्चों को इस क्रम में मिलेगी वरीयता:
1- जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की पूर्व में मृत्यु हो गई हो अथवा अभिभावक की मृत्यु हो गई हो।
2-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो या ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में एक की मृत्यु हो गई हो या मां तलाकशुदा हो अथवा कुटुंब द्वारा उनका परित्याग कर दिया गया हो।
3-ऐसे बच्चे जिन्हें बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति या बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार/पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भिक्षावृत्ति, वैश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चे।
4-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या परिवार का मुखिया जेल में है।
सहायता राशि के लिए वित्तीय मानक:
1-पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रति माह, प्रति बालक/बालिका 2500 रुपए की सहायता दी जाएगी।
2- जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो या ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में एक की मृत्यु हो गई हो या मां तलाकशुदा हो अथवा कुटुंब द्वारा उनका परित्याग कर दिया गया हो।
ऐसे बच्चों के परिवार की आर्थिक आय रुपए तीन लाख से कम होनी चाहिए। लेकिन ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की पूर्व में मृत्यु हो गई हो और अभिभावक की मृत्यु हो गई हो।या ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो, उन पर आय सीमा की शर्तें लागू नहीं होंगी