मामले में बुलंदशहर (Bulandshahr) के एसएसपी संतोष कुमार सिंह (SSP Santosh Kumar Singh) ने जांच के तमाम पहलुओं को उजागर किया है.
बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) में 25 जुलाई से लापता वकील धर्मेंद्र चौधरी (Advocate Dharmendra Chaudhary) की हत्या (Murder) हो गई है. पुलिस ने उसका शव बरामद किया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस महासचवि प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले पर यूपी सरकार पर हमला किया है और कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना और क्राइम दोनों ही आउट ऑफ कंट्रोल है.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश में जंगलराज फैलता जा रहा है, क्राइम और कोरोना कंट्रोल से बाहर है बुलंदशहरमें धर्मेन्द्र चौधरी जी का 8 दिन पहले अपहरण हुआ था, कल उनकी लाश मिली. कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर. हर घटना में कानून व्यवस्था की सुस्ती है और जंगलराज के लक्षण हैं. पता नहीं सरकार कब तक सोएगी?.”
बता दें कि कोतवाली खुर्जा क्षेत्र से लापता वकील धर्मेंद्र चौधरी का शव पुलिस ने फैक्ट्री से बरामद किया है. पुलिस की जांच में हत्या के पीछे करीब 80 लाख की रकम ब्याज पर देने का मामला सामने आया है. मामले में एसएसपी संतोष कुमार सिंह (SSP Santosh Kumar Singh) ने जांच के तमाम पहलुओं को उजागर किया है. उन्होंने बताया 25 जुलाई की रात को लगभग 11 बजे के आसपास थाने पर वकील धर्मेंद्र चौधरी जो प्रॉपर्टी का काम करते थे, उनके गायब होने की सूचना परिवारवालों द्वारा दी गई. पुलिस लगतार उनकी तलाश में रात भर सर्च ऑपरेशन चलाती रही.
अगले दिन सुबह 6 बजे के आसपास उनकी मोटरसाइकिल 6 किलोमीटर दूर सड़क किनारे गड्डे में मिली. उनके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की गई तो उनका मोबाइल भी उसी इलाके में 8.52 पर बंद हुआ पाया गया.
धर्मेंद्र की डायरी मिली तो घरवालों को दोस्त विक्की पर हुआ शक
एसएसपी ने बताया कि शहर के सभी सीसीटीवी खंगाले गए, धर्मेंद्र चौधरी की मोटरसाइकिल कहीं भी नहीं दिखी. वहीं विक्की ने जो टाइमिंग बताई गई, उसी अनुसार उसकी मोबाइल लोकेशन दुकान से घर की थी. उन्होंने बताया कि आखिरकार घरवालों को 27 जुलाई की रात को विक्की पर कुछ शक हुआ. उन्हें धर्मेंद्र की अलमारी से एक डायरी मिली, जिसमें करीब 70 से 80 लाख रुपए के लेनदेन का हिसाब था.
ब्याज का था 10 लाख बकाया
इसके बाद घरवालों ने बताया कि धर्मेंद्र चौधरी विक्की को 4 प्रतिशत ब्याज पर पैसे देते थे. डायरी से पता चला कि केवल एक-एक महीने का ब्याज जमा था. ब्याज करीब 10 लाख के आसपास हो गया था. लेकिन किसी भी टेक्निकल जांच में विक्की का लिंक नहीं दिख रहा था, बस ये प्रमाणित था कि आखिरी बार धर्मेंद्र विक्की के यहां गए थे.