बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार दोपहर 3.35 बजे के बाद से बंद कर दिए जाएंगे. प्रत्येक साल सर्दी के मौसम में बर्फबारी आदि को देखते हुए कपाट बंद कर दिए जाते हैं. गुरुवार को बाबा बद्रीनाथ का निर्वाण दर्शन होगा. आज यहां सिर्फ फूलों का शृंगार किया जाएगा. बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह 5:30 बजे खोले गए हैं. 10:30 बजे यहां राजभोग लगा.
उसके बाद 12:30 बजे संध्याकालीन पूजा शुरू होगी. इसके बाद दोपहर एक बजे लक्ष्मी पूजन और आरती होगी. दोपहर 1:30 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी. इस साल अब तक एक लाख 38 हजार श्रदालु बाबा बद्रीनाथ के दर्शन कर चुके हैं.
रविवार को पूजा-अर्चना के बाद गणेश जी के कपाट बंद होने के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद हुए. 17 को खड़ग पुस्तक की पूजा के साथ वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया गया. 18 नवंबर को महालक्ष्मी पूजा हुई. अब 19 नवंबर को धार्मिक रस्मों के साथ शाम 3:35 बजे पर भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार रात केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले आयोजित समारोह में शामिल हुए थे. दोनों मुख्यमंत्रियों ने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले मंदिर में पूजा अर्चना की थी.
रुद्रप्रयाग
हिमालय में बसे द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के 6 महीने के लिए बंद हुए हैं. इस अवसर पर वहां हजारों भक्त मौजूद रहे. आज पहले रात्रि विश्राम के मदमहेश्वर की डोली गौंडार पहुंचेगी. 22 नवंबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओम्कारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी.