संकल्प सवेरा,नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज गुजरात में आयोजित निवेशकों के सम्मेलन को वर्चुअल तौर पर संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार की स्क्रैप नीति को देश के विकास में अहम बताया है। पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में आज नेशनल आटोमोबाइल स्क्रैपिंग नीति लान्च हो रही है, जो देश के आटोमोबाइल सेक्क्टर को एक नई पहचान देगी। खराब और प्रदूषण फैलाने वाले व्हीकल्स को वैज्ञानिक तरीके से सड़क से हटाने में ये नीति अहम भूमिका निभाएगी।
आने वाले 25 वर्ष काफी अहम
उन्होंने कहा कि मोबिलिटी का देश के विकास में अहम योगदान है। 21वीं सदी का भारत कंविनियएंट और क्लीन लक्ष्य को लेकर चले, ये समय की मांग है। ये नीति तेज विकास के सरकार के कमिटमेंट को दर्शाती है। ये देश की आत्मनिर्भरता को भी आगे बढ़ेगी। उन्होंंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष देश के लिए बेहद अहम हैं।
आज मौजूद संपदा हमें धरती से मिल रही है, वो भविष्य में कम हो जाएगी और इसलिए ही भारत डीप ओशियन की नई संभावनाओं को तलाशने में लगा है। क्लाइमेट चेंज को हर कोई अनुभव कर रहा है। इसलिए देश को बड़े कदम उठाने भी जरूरी हैं। बीते वर्षों में ऊर्जा के सेक्टर में काफी तरक्की की है।
वेस्ट टू वेल्थ की तरफ है नई स्क्रैप नीति
पीएम ने नई स्क्रैप नीति को वेस्ट टू वेल्थ की दिशा में एक अहम कदम बताया है। उन्होंंने कहा कि इससे न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी तेजी मिलेगी। उन्होंंने बताया कि ये नीति हमारे जीवन से जुड़ी हुई है। पुरानी गाडि़यों की वजह से होने वाले हादसों को इस नीति के तहत रोका जा सकेगा। जिसके पास स्क्रैप सर्टिफिकेट होगा उसको रजिस्ट्रेशन के नाम पर दिया जाने वाला पैसा नई गाड़ी की खरीद पर नहीं लगेगा। साथ ही नई गाड़ी खरीदने वालों को कई दूसरी तरह की छूट भी मिलेंगी
अलंग को विश्व में नए रूप में पेश करना होगा
अलंग का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छोटे कारोबारियों को इस नई नीति से काफी फायदा होगा। स्थानीय इंडस्ट्री को भी इसका पूरा फायदा होगा। साइंटिफिक स्क्रैपिंग से देश के पास में रेयर मैटल का भंडर बढ़ेगा। सरकार की पूरी कोशिश है कि आटो इंडस्ट्री को कम से कम चीजों को बाहर से मंगवाने की जरूरत हो। इसके लिए इस इंडस्ट्री को भी कुछ और आगे बढ़कर उपाय करने होंगे। इसलिए पुराने प्रोसेस को बदलना ही होगा। सरकार इसके लिए हर संभव मदद को तैयार है। हम ग्लोबल स्टेंडर्ड वाले व्हीकल्स अपने लोगों को देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सर्कुलर इकनामी भारत के लिए कोई नया शब्द नहीं है। अब इसको वैज्ञानिक तरीके से करना है।