आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी क्षय रोगियों की पहचान
186 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से 30 सितम्बर तक चलेगा अभियान
– दो सप्ताह से अधिक बुखार, खांसी, वजन कम होना आदि लक्षणों से प्रभावित लोगों की करेंगी स्क्रीनिंग
संकल्प सवेरा,जौनपुर, 09 अगस्त 2022 – जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को व्यापक रूप दिया जा रहा है। इस क्रम में ब्लॉक के सुदूर क्षेत्रों में बने आयुष्मान भारत हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के माध्यम से हर व्यक्ति तक क्षय रोग संबधी सेवाएं पहुंचाई जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा लक्ष्मी सिंह ने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सभी कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) को निर्देशित किया है । उन्होने कहा कि जनपद के क्रियाशील 186 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से एक अगस्त से 30 सितंबर तक आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर भ्रमण कर क्षय रोग के संभावित लक्षणों की पहचान करनी है। किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक बुखार/खांसी होना, वजन कम होना, भूख न लगना, रात में पसीना आना, मधुमेह होना, तम्बाकू/शराब का सेवन, एचआईवी प्रभावित के साथ इन लक्षण वाले लोगों के बलगम में खून आने के लक्षण के आधार पर हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के बाद ऐसे लोगों की माइक्रोस्कोप जांच, सीबीनाट और ट्रूनाट जांच कराई जाएगी। जांच में क्षय रोग से प्रभावित पाए जाने पर उनका तत्काल इलाज शुरू किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ताओं की ओर से भेजे गए सैम्पल को जांच में पॉज़िटिव पाए जाने पर उन्हें प्रति मरीज 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि उनके खाते में भेजी जाएगी।
जिला क्षयरोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ राकेश सिंह कहते हैं कि इस वर्ष जनपद में कुल 8,500 क्षय रोगियों की खोज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें अब तक 4,080 क्षय रोगियों की खोज की जा चुकी है।
मृत्यु दर में गिरावट :
जिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल यादव कहते हैं कि विगत वर्षों में क्षय रोगियों की मृत्यु दर में गिरावट आई है। वर्ष 2020 में क्षय रोग से मृत्यु दर छह प्रतिशत थी जो कि वर्ष 2021 में घटकर पांच प्रतिशत रह गई जबकि साल 2022 में घटकर मात्र चार प्रतिशत रह गई है। निक्षय पोषण योजना में क्षय उपचाराधीनों के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रति माह 500 रुपये की धनराशि भेजे जाने की व्यवस्था है। इसके तहत साल 2021 में कुल 8,486 क्षय उपचाराधीनों को 1.74 करोड़ रुपये तथा साल 2020 में 8,515 उपचाराधीनों को 2.10 करोड़ की धनराशि का वितरण किया गया। वर्ष 2022 में डीबीटी के माध्यम से अगस्त तक कुल 58.5 लाख रुपये क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत भेजा जा चुका है। जनपद में क्षयरोगियों को खोजने के लिए निर्धारित लक्ष्य 8500 को प्राप्त करने के लिए सीएमओ ने जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्साधिकारियों को अपनी ओपीडी के 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच के लिए रेफर करने का निर्देश दिया है जिससे कि लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जा सके।