धनुष टूटते ही जयश्रीराम के जयकारों से गूंजा पाण्डाल
परशुराम- लक्ष्मण के बीच तीखा संवाद सुन गदगद हुए दर्शक
संकल्प सवेरा गभिरन(जौनपुर) 29 अक्टूबर आदर्श रामलीला धर्ममण्डल समिति के तत्वावधान में शहाबुद्दीनपुर उसरौली में चल रही रामलीला में गुरुवार की रात कलाकारों ने फुलवारी,धनुष यज्ञ, राम विवाह व परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग का मंचन किया।श्रीराम चरित मानस के इस भावपूर्ण प्रसंग में प्रभु श्रीराम के धनुष तोड़ने पर जनकनंदिनी सीता राम के गले में वरमाला डालकर उनका वरण करती हैं। इस आनंदोत्सव के समय दर्शकों ने राम और सीता पर फूलों की वर्षा करते हुए जय सियाराम के जयकारे लगाए।माता सीता के स्वयंवर में देश-विदेश के राजा, महाराजा,
राजकुमार व योद्धा शामिल हुए। सभी ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की। उठाना तो दूर, वे इसे हिला तक नहीं सके। अंत में महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से राम उठे और धनुष को उठा कर ज्यों ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की, धनुष पलभर में ही टूट गया। धनुष टूटने व श्रीराम के गले में सीता के वरमाला डालते ही आकाश मार्ग से सभी देवताओं ने पुष्पों की वर्षा की। इसी बीच शिव धनुष के टूटने के संकेत से परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए और वह राजदरबार पहुंच गए। परशुराम व लक्ष्मण के बीच हुए तीखे संवाद का भी रामलीला प्रेमियों ने खूब आनंद लिया।अंत में राम की विनम्रता के आगे परशुराम नतमस्तक हो गए।
रामलीला में धनुष यज्ञ की इस लीला को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ जुटी थी। राम की अभिनय अवधेश सिंह, लक्ष्मण शिवम सिंह, सीता सलमान शर्मा, जनक बद्री नारायण पाण्डेय, परशुराम नितिन सिंह, विश्वामित्र पूजन प्रजापति , रावण ओमप्रकाश पाण्डेय मुन्ना ,आदि लोगो ने किया। , आये हुए दर्शकों का प्रबन्धक राधेश्याम उपाध्याय ने आभार जताया।












