जम्मू: एक वक्त था जब महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर अनुच्छेद-370 हटा तो कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। मगर अनुच्छेद-370 हटने के दो साल पूरे होने और स्वतंत्रता दिवस से पहले ही कश्मीर के लोगों ने महबूबा को जवाब दे दिया है। क्योंकि कश्मीर में हर जगह तिरंगे शान से लहरा रहे हैं। नौबत यह है कि कश्मीर में तिरंगों की कमी हो गई। इसका मुद्दा भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सामने उठाया है।
भाजपा ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पूरे कश्मीर में भव्य कार्यक्रम की तैयारी की है। लोग भी आयोजन करने को लेकर खुद आगे आ रहे हैं। पंचायतों से लेकर वार्डों तक आजादी का जश्न मनाया जाएगा। हालांकि सभी जगह भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को लहराने के लिए 500 तिरंगे दिए हैं। इनमें हर जिला इकाई को 30-30 तिरंगे दिए गए हैं। सरकारी विभागों में समारोह के लिए तिरंगे नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग तो खुद ही तिरंगे बनवा रहे हैं
तिरंगे फहराने वाले भाजपा नेता गुलाम रसूल डार व उनकी पत्नी की आतंकवादियों द्वारा हत्या के बाद भी कश्मीर में देशभक्त लोगों में जोश कम नही हुआ है। क्षेत्र में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के कार्यक्रमों में लोगों द्वारा तिरंगे फहराना इसका सबूत है। ऐसे माहौल में कश्मीर में तिरंगों की कमी होना स्वाभाविक है।
कश्मीर की तिरंगों की कमी का मुद्दा भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से उठाया है। भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने गत वीरवार को उपराज्यपाल को सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर जोर दिया है कि जिलों में लहराने के लिए जल्द से जल्द तिरंगे उपलब्ध करवाए जाएं। ठाकुर ने तिरंगों की कमी का मुद्दा प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी उठाया है।
अल्ताफ ठाकुर का कहना है कि कश्मीर में तिरंगा लहराने वालों की कोई कमी नहीं है। कश्मीर के देशभक्त लोग अब आतंकवादियों की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। जिलों में खासे स्कूलों के पास अब तक लहराने के लिए तिरंगे नहीं है। इसके साथ कुछ सरकारी कर्मचारियों ने भी हमसे तिरंगे लेने के लिए संपर्क किया है। हमारे पास सीमित तिरंगे हैं। ऐसे हालात में उपराज्यपाल प्रशासन को जिलों में लोगों को फहराने के लिए तिरंगे उपलब्ध करवाने चाहिए।
ठाकुर का कहना है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गत दिनों जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि पंचायत स्तर तक लोगों को तिरंगे फहराने में सहयोग दिया जाए। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है कि जल्द से जल्द लोगों को तिरंगे देकर देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर में यादगार बनाया जाए।
भाजपा के साथ अखिल विद्यार्थी परिषद ने भी कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाने की तैयारी की है। विद्यार्थी परिषद के सचिव मुकेश मन्हास का कहना है कि हमने कश्मीर के 1000 गांवों में तिरंगे लहराने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कश्मीर में हमारे कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया 3305 जगहों पर 3361 तिरंगा फहराने के कार्यक्रम की तैयारी है।