विश्व की कितनी ही सभ्यताएं आईं और अनंत में विलीन हो गईं। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति यदि आज भी स्पन्दित और सुरभित है, तो उसका श्रेय, भारत माता के अशेष वीरपुत्रों को जाता है जिन्होंने हर काल खण्ड में राष्ट्र के स्वाभिमान की रक्षा के लिए स्वयं रक्षा कवच बन खड़े हो गए, अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे ही वीर थे स्कंद गुप्त विक्रमादित्य! गुप्त वंश के वीर राजा स्कन्दगुप्त! भारत की संप्रभुता बनाए रखने में स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य का योगदान महत्वपूर्ण है। भिटारी एवं जूनागढ़ के ऐतिहासिक अभिलेख इसके साक्षी हैं। यह भारत का दुर्भाग्य है कि हमें भारत के ऐसे मानस पुत्रों के विषय में बहुत कम इतिहास पढ़ाया गया। आज के बच्चे कितना या क्या जानते हैं गुप्त वंश के विषय में या स्कन्दगुप्त के विषय में। हर्ष का विषय है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भारत अध्ययन केंद्र में आगामी 17 अक्टूबर को त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है जिसमें मुख्य उद्बोधन देश के यशस्वी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा दिया जाएगा। बी एच यू में 17 से 19 अक्टूबर तक चलने वाली इस गोष्ठी में देश विदेश के विद्वान एकत्रित हो रहे हैं जो इस गोष्ठी में अपने बहुमूल्य विचार रखेंगे। इन महत्वपूर्ण आयोजन हेतु भारत अध्ययन केंद्र के लिए गौरव का क्षण!