देहरादून, संकल्प सवेरा : भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। जल स्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
उधर, कुमाऊं में धौली और काली नदी के जलस्तर में और वृद्धि हो गई है। वहीं, श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल के कई निचले इलाके पानी में डूब गए है। जिसकी वजह से लोग दहशत में आ गए है। नदियों के जलस्तर बढ़ने पर जिला प्रशासन ने गंगा के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही, प्रशासन ने तटीय इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया है।
बता दें कि मौसम विभाग ने बारिश को लेकर उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया हुआ है। शुक्रवार सुबह से उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश हो रही है, जिसके कारण नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। जल स्तर बढ़ने की वजह से अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया।
उधर, कुमाऊं में धौली और काली नदी के जलस्तर में और वृद्धि हो गई है। नदियों के जल स्तर में वृद्धि होने से लोग दहशत में आ गए है। तो वहीं, प्रशासन द्वारा नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि स्थिति पर नजर जा रखी है।
भूस्खलन की वजह से बंद हुआ
ऋषिकेश-श्रीनगर हाईवे भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तो वहीं, टिहरी गढ़वाल में ब्यासी के पास नेशनल हाईवे-58(ऋषिकेश-श्रीनगर हाईवे) भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है। इतना ही नहीं, भूस्खलन के कारण पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाट थाने के पास फंसे वाहन गए है। वहीं, चमोली जिले के गुलाबकोटी और कौड़िया के बीच बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बंद हो गया है।
स्वांला-धौन के पास मलबा आने से टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे भी बंद है। वीडियो और तस्वीरे आई सामने टिहरी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में हुए भूस्खलन और नदी में आए उफान से जोखिम और खतरे की बानगी देते वीडियो और तस्वीरें भी सामने आई हैं। पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश के चलते यहां नदियां उफान पर हैं। इसके साथ ही, भू कटाव हो रहा है, तो कहीं भूस्खलन। नदियों के उफान पर बहने के वीडियो जो वायरल हो रहे हैं, उनमें कहीं पेड़ तो कहीं दुकानें ज़द में दिख रही हैं।
बारिश के कारण सड़कों खोलने का नहीं हो पाया शुरू वहीं मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बेनाकुली बैंड, लामबगड़, गुलाबकोटी और रड़ांग बैंड के समीप बंद हो गया है। वहीं हेलंग-उर्गम सड़क भी जल विद्युत परियोजना हेलंग के समीप भूस्खलन होने से करीब बीस मीटर तक क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही ठप हो गई है।
खरी में कनकचौंरी-पोगठा, उडामांडा-रौता, उडामांडा-सिनाऊं और हापला-गुड़म मार्ग मलबा आने से बंद हो गए। क्षेत्र में लगातार बारिश से सड़कों को खोलने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।