अधेड़ की मौत के बाद जांच के लिए नहीं लिया गया था नमूना
क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं व प्रभारी चिकित्साधिकारी रामपुर के मौजूदगी में शव का हुआ था दाह संस्कार
अधेड़ की मौत को पुलिस विभाग सहीत स्वास्थ्य टीम ने टीवी से मौत होने की कही थी बात
सुरेरी(जौनपुर) 25 मई। एक तरफ जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर पूरा देश सहमा हुआ है, जिससे सुरक्षित रहने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती उसके बावजूद कुछ ऐसे जिम्मेदार भी हैं जो शासनादेश को दरकिनार कर अपने जिम्मेदारियों की इतिश्री करते नजर आ रहे हैं। जिसका एक उदाहरण विकासखंड रामपुर के ग्राम सभा सुरेरी में देखा जा सकता है। जहाँ बीते 14 मई को अनुसूचित जाति के 40 वर्षीय अधेड़ जयशंकर अपने परिजनों संग मुंबई से घर के लिए रवाना हुआ था, वही 16 मई को वह अपने निवास स्थान सुरेरी गांव पहुचते ही गांव से कुछ दूर स्थित एक बगीचे में परिवार के साथ क्वॉरेंटाइन हो गया था। मुंबई से लौटने के पश्चात ही उसे खांसी व जुकाम की शिकायत थी, जिसके उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर भी पहुंचा था। लेकिन असुविधाओं के कारण उसका उपचार नहीं हो सका, जिसके कारण बीते 20 मई की देर रात्रि को उपचार के अभाव में अधेड़ की मौत हो गई थी। वहीं मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित स्थानीय पुलिस व क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन जिम्मेदारों के पहुंचने के बाद भी मृतक अधेड़ का कोरोना जांच हेतु सैंपल नहीं लिया गया, बल्कि मृतक के परिजनों को एक किट देकर मृतक के शव को उसमे लपेटकर कुछ दूर स्थित एक घाट पर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम की मौजूदगी में उसका दाह संस्कार करा दिया गया था, पूछे जाने पर मृतक के परिजनों को स्वास्थ्य विभाग व पुलिस विभाग की टीम ने यह बताया था कि अधेड़ की मौत कोरोना से नहीं बल्कि टीवी की वजह से हुई है। वही अधेड़ की मौत के बाद उसके साथ में क्वॉरेंटाइन रहे सभी परिजनों का सैंपल भी स्वास्थ विभाग अपने साथ ले गई थी, जिसमें जांच के दौरान अधेड़ मृतक के दो पुत्र शुभम 12 वर्ष व अनिकेत 14 वर्ष की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दोनों पुत्रों का जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिजनों सहित गांव में दहशत का माहौल बन गया। वही मृतक अधेड़ का जांच ना करना व टीवी की वजह से मौत होने की बात स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहना गांव सहित क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही जिम्मेदारों के इस गैर जिम्मेदराना रवैये को लेकर लोगों में आक्रोश भी दिख रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर स्वास्थ्य विभाग इस तरीके से ही लोगों की जांच करेगी तो कोरोना जैसे घातक वैश्विक महामारी को रोक पाना बड़ा ही मुश्किल होगा। इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रामपुर प्रभात यादव ने बताया कि दोनों कोरोना पॉजिटिव मिले बच्चों को कोरोना हॉस्पिटल ले जाने के लिए जिले से टीम रवाना हो चुकी है तो वहीं खबर लिखे जाने तक मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची सकी थी |