यूनाइटेड विश्वविद्यालय में साहित्य संगोष्ठी एवं कविता पाठ का सफल आयोजन
ईश्वर के बाद साहित्य ही व्यक्ति को इंसान बनाता है: डॉ मृत्युंजय परमार
कवि श्लेष गौतम ने यूनाइटेड विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी में अपनी कविता के माध्यम से मोहा लोगो का दिल
प्रयागराज,संकल्प सवेरा: यूनाइटेड विश्वविद्यालय, प्रयागराज के “लिट् फ़ॉर लाइफ” लिटरेरी क्लब द्वारा “रीडिंग ऑफ लिटरेचर टुवर्ड्स थे बेटरमेंट ऑफ सोसाइटी” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी एवं कविता पाठ का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के सहायक प्राध्यापक एवं अंतरराष्ट्रीय कवि डॉ. श्लेष गौतम तथा अंग्रेजी एवं आधुनिक आंग्ल भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. मृत्युंजय राव परमार प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। साहित्य एवं अन्य विधाओं से जुड़े छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. श्लेष गौतम ने कहा कि साहित्य जीवन का सार है और इसके बिना मानव जीवन अधूरा है। इस पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति साहित्य से अछूता नहीं है। उन्होंने राष्ट्र प्रेम, नारीशक्ति, बेटियों के महत्व, प्रयागराज की धरती के गुणगान एवं युवाओं के दिलों को छू जाने वाली अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं को अत्यंत रोचक तरीके से प्रस्तुत कर युवाओं का दिल जीत लिया।
इसी क्रम में दूसरे मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय राव परमार ने कहा कि साहित्य किसी ईश्वर से कम नहीं, क्योंकि जैसे ईश्वर इंसान का निर्माण करते हैं, वैसे ही उत्कृष्ट साहित्य एक सामान्य व्यक्ति को मानवगुणों से परिपूर्ण बनाता है। उन्होंने बचपन से लेकर प्रौढ़ अवस्था तक, जीवन के विभिन्न पड़ावों पर साहित्य की भूमिका को विस्तार से समझाया और कहा कि साहित्य सीधे समाज का निर्माण नही करती बाली साहित्य एक इंसान का निर्माण करती है और अच्छा इंसान एक सुंदर समाज का निर्माण कार्य करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित असिस्टेंट एकेडमिक डीन डॉ. रोशनी श्रीवास्तव ने कहा कि “डॉ. गौतम के कविता पाठ और डॉ. परमार के व्याख्यान से विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति गहरी रुचि उत्पन्न हुई है।” वहीं, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री राजेश पाठक ने भी अपने कविता पाठ के माध्यम से साहित्य के महत्व को रेखांकित किया।
डॉ. गीतिका पांडेय, विज्ञान एवं कला संकाय की विभागाध्यक्ष, एवं संगोष्ठी के आयोजक डॉ. कुँवर शेखर गुप्ता ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत बुके एवं अंगवस्त्र प्रदान कर किया। अपने स्वागत भाषण में डॉ. गीतिका पांडेय ने कहा कि “विज्ञान हमें तर्क सिखाता है और साहित्य हमें मानवीय संवेदनाओं से परिचित कराता है।”
इस कार्यक्रम के दौरान “लिट् फ़ॉर लाइफ” की पहल पर संपादित होने वाली कविता एवं कहानियों का संग्रह ‘क्रोनिकल्स ऑफ लाइफ, लव एंड बियॉन्ड’ के कवर पृष्ठ का भी अनावरण किया गया। इस संदर्भ में संगोष्ठी के आयोजक एवं अंथोलॉजी के मुख्य संपादक डॉ. कुँवर शेखर गुप्ता ने बताया कि इस संग्रह में भारतभर के शोधार्थी एवं प्रोफेसर द्वारा लिखित कविताएँ एवं कहानियाँ शामिल हैं, जिसे जल्द ही अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आश्वासन दिया कि “यूनाइटेड विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा इस प्रकार के साहित्यिक आयोजन भविष्य में भी जारी रहेंगे।”
कार्यक्रम के इसी क्रम में डॉ. प्रसून त्रिपाठी के निर्देशन में आयोजित लिटरेरी क्विज प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन जॉली सेनगुप्ता ने किया। कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर अनन्या मिश्रा रहीं, जबकि कुशल संचालन बारिया वकील एवं एकता पाठक ने किया। इस अवसर पर डॉ. आनंद त्रिपाठी, डॉ. रामजी मिश्रा, डॉ. शशिकांत उपाध्याय, डॉ. अभिजीत प्रसाद, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. शितु सिंह, श्री शुभम चौरसिया, डॉ. अमृता राज, डॉ. सत्य प्रकाश सिंह, नमिता श्रीवास्तव, पल्लवी सक्सेना, मीनल तथा लिट् फ़ॉर लाइफ लिटरेरी क्लब के अध्यक्ष प्रखर गंगवार समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।