फोटो से पहचान सार्वजनिक होने के डर की वजह से तमाम लोग खुलकर सामने नहीं आते और कई बार वह मुश्किलों में घिर जाते हैं।
प्रयागराज। लॉकडाउन के दौरान कई लोग भूखे और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कई जगहों पर लोग बेसहारों को भोजन या राशन देते हुए नजर आ जाते हैं। हालांकि, मदद के दौरान लोग जरूरतमंदों के साथ फोटो या सेल्फी लेना भी नहीं चूकते और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। फोटो से पहचान सार्वजनिक होने के डर की वजह से तमाम लोग खुलकर सामने नहीं आते और कई बार वह मुश्किलों में घिर जाते हैं। उन्हें खाली पेट तक सोना पड़ता है। इस परेशानी दो देखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने सख्ती दिखाई है।
सरकारी अमले ने अब जरूरतमंदों को खाना व जरूरत का कोई भी सामान देते वक्त फोटो खींचने या उनके साथ सेल्फी लेने पर रोक लगा दी है। आदेश में कहा गया है कि अगर किसी संस्था को अपने रिकॉर्ड के लिए फोटो लेना जरूरी होगा तो भी वह किसी की पहचान साबित करने वाली फोटो को सार्वजनिक नहीं कर सकेगा।
प्रशासन ने फिलहाल इसे एडवाइजरी के तौर पर जारी किया है, लेकिन तीन दिन बाद यानी 20 अप्रैल से ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की भी तैयारी है।
इस बारे में प्रयागराज के एडीएम प्रशासन विजय शंकर दुबे का कहना है कि किसी की पहचान को सार्वजनिक करना उसकी गरीबी व बेबसी का मजाक उड़ाने की तरह है, इसीलिये फोटो व सेल्फी पर रोक लगाई गई है। उनके मुताबिक फोटो पर रोक के साथ ही अब प्रशासन की मंजूरी के बिना खाना बांटने पर भी रोक लगा दी गई है। जो भी लोग खाना बांटना चाहते हैं या लोगों की मदद करना चाहते हैं, उन्हें प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। ऐसा ना करने पर कार्रवाई भी की जाएगी।











