संविधान की भावना को समझना समय की मांग: डॉ. दिलीप कुमार सिंह
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन

जौनपुर, संकल्प सवेरा। दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डिप्टी चीफ डिफ़ेंस काउंसिल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय, जौनपुर, ने भारतीय संविधान की महत्ता, नागरिक अधिकारों और समकालीन चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश की आत्मा और लोकतांत्रिक ढांचे का मूल आधार है। यह केवल अधिकारों का संग्रह नहीं, बल्कि नागरिक कर्तव्यों का भी महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। यदि युवा वर्ग संवैधानिक मूल्यों को व्यवहार में उतार ले, तो समाज अधिक न्यायपूर्ण, समानतापूर्ण और प्रगतिशील बन सकता है। उन्होंने विधिक सहायता की उपयोगिता, न्यायपालिका की भूमिका और सामाजिक उत्तरदायित्व पर भी विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं निदेशक प्रो. विनोद कुमार ने कहा कि संविधान देश की प्रगतिशील चेतना और सामाजिक न्याय की आधारशिला है। विधि छात्रों को संविधान की उद्देशिका, मौलिक अधिकारों तथा कर्तव्यों का गहन अध्ययन कर सामाजिक जागरूकता में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अनुराग मिश्र ने कहा कि संविधान दिवस महज एक आयोजन नहीं, बल्कि उन आदर्शों को स्मरण करने का अवसर है जिन पर हमारे राष्ट्र की नींव रखी गई है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो. विनोद कुमार, मंगला प्रसाद यादव, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. दिनेश सिंह, श्रीप्रकाश यादव, डॉ. इंद्रजीत सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. राहुल कुमार राय, डॉ. अंकित कुमार, डॉ. राजन तिवारी, डॉ. शुभम सिंह, प्रगति सिंह, जीशान अली सहित अन्य शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।












