जय गुरुदेव आश्रम, बढ़ौना (सिकरारा): संत पंकज जी महाराज ने मानव जीवन की सार्थकता पर दिए उपदेश
सिकरारा संकल्प सवेरा (जौनपुर): सिकरारा क्षेत्र के बढ़ौना गांव में स्थित जय गुरुदेव आश्रम में आयोजित एक भव्य सत्संग में, जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संत पंकज जी महाराज ने आध्यात्मिक ज्ञान की गंगा बहाई। यह कार्यक्रम उनके राष्ट्रव्यापी 122 दिवसीय दौरे का 94वां महत्वपूर्ण पड़ाव था, जहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

मानव तन: परमात्मा का अनमोल उपहार
सत्संग को संबोधित करते हुए संत पंकज जी महाराज ने मानव जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मानव शरीर की प्राप्ति परमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह शरीर केवल सांसारिक सुखों के लिए नहीं, बल्कि “इसमें रहकर लोक और परलोक दोनों बनाए” जाने चाहिए। आत्म कल्याण की प्राप्ति ही इस जन्म का परम लक्ष्य है।
साधना का सरल मार्ग: नाम योग और सुरत शब्द योग
महाराज जी ने बताया कि आत्म कल्याण की साधना तभी संभव है जब सच्चे संत-सद्गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त होता है। उन्होंने विशेष रूप से कलयुग के लिए उपयुक्त साधना विधि का उल्लेख किया:
* नाम योग एवं सुरत शब्द योग: संत पंकज जी महाराज ने समझाया कि इन साधनाओं को “गृहस्थ आश्रम में रहकर आसानी से किया जा सकता है,” जिसके लिए साधक को संन्यास लेने की आवश्यकता नहीं है।
* जीवन शैली में सुधार: उन्होंने आध्यात्मिक उन्नति के लिए शाकाहारी भोजन ग्रहण करने और मद्यपान का पूर्ण त्याग करने पर बल दिया।
संत पंकज जी महाराज के इन अमृत वचनों को सुनकर उपस्थित श्रद्धालुओं ने अपने जीवन को सार्थक बनाने का संकल्प लिया। सत्संग के सफल आयोजन में ऋषिदेव श्रीवास्तव, लाल मणि मौर्य, हंसमुख चावडा, विजय पाल सिंह और मृत्युंजय झा सहित स्थानीय आयोजकों और सेवादारों का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम ने क्षेत्र के भक्तों के मध्य आध्यात्मिक चेतना का संचार किया।













