धार्मिक कार्यो से रोग,भय का होता है नाश –पं० सीताराम नाम शरण जी महाराज–
गौरा बादशाहपुर क्षेत्र के सोनारी गांव में 11 दिवसीय रामकथा का किया गया है आयोजन-)-शिव मंदिर सोनारी गांव के प्रांगण में रामकथा का वर्णन करते हुए पं०सीताराम महाराज जी ने कहा कि भजन करने वालो को माया की करलता जान पड़ती है।प्रभु माया पर शासन करके इसे मुक्त कराते है।मनुष्य जब धार्मिक कार्यो में भजन ,कीर्तन में शामिल हो जाता है तो उसके जीवन से भय समाप्त हो जाता है।दीन पर भगवान की करुणा होती है
।अनन्य भक्ति पर भगवान की कृपा होती है।चित्र कूट धाम पर दर्शन व मन्दाकिनी में स्नान से मनुष्य धन्य हो जाता है।माता कौशल्या जब प्रभु के विराट रूप देखती है तो डर जाती है तो प्रभु बाल रूप धारण कर लेते है और माता जी से कहते है कि यह रहस्य किसी से मत बताना ,हरि जननी बहु विधि दिखाई “तब माता कहती हैकि यह माया अब कभी न सतावे।बाल चरित्र हरि बहु विधि कीन्हा।
बाल प्रभु आँगन में पूर्णिमा के समय चंद्रमा को देखे तो चंद्रमा को मांगने की हठ करने लगे,इस प्रकार की लीलायें भगवान करते है।भोजन करने के लिए मां को परेशान करते है ठुमुक -ठुमुक कर के दौड़ते है,दही भात का सेवन करते हुए जब जमीन पर गिराते है तो कागभुशुण्डि के लिए आहार होता है ,इस प्रकार प्रभु सभी प्राणियों के कल्याण के लिए समर्पित रहते है,यही प्रभु राम की गाथा है।कार्यक्रम के मुख्य यजमान रत्ना कर दुबे,पूनम दुबे,व समस्त ग्रामवासी,उपस्थित रहे।