पूर्व सांसद संघमित्रा एवं स्वामी प्रसाद मौर्या भगोड़ा घोषित, हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
संकल्प सवेरा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या और उनकी बेटी पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। दीपक कुमार स्वर्णकार प्रकरण में लखनऊ की MP-MLA कोर्ट ने शुक्रवार को स्वामी और उनकी बेटी संघमित्रा समेत तीन लोगों के खिलाफ आदेश जारी किया।
एसीजेएम तृतीय MP-MLA आलोक वर्मा की कोर्ट ने लखनऊ के गोल्फ सिटी निवासी पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार और पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या से संबंधित प्रकरण में मौर्या समेत अन्य तीन आरोपियों को तीन बार समन, दो बार जमानती वारंट और एक बार गैर जमानती वारंट जारी किया था।
मौर्या परिवार इस मामले को लेकर MP-MLA कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट भी गए थे। हाईकोर्ट में न्यायाधीश जसप्रीत सिंह की अदालत ने मौर्या को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था- आपके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। आपको वापस MP-MLA कोर्ट ही जाना होगा। इसके बाद स्वामी प्रसाद और अन्य परिवादी सुप्रीम कोर्ट गए। जहां उनके मामले को गंभीरता से ही नहीं लिया गया।वादी दीपक कुमार स्वर्णकार के वकील रोहित कुमार त्रिपाठी और राजेश कुमार तिवारी ने कहा- पूरा विश्वास है कि हमें जल्द न्याय मिलेगा
लखनऊ के रहने वाले दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 6 लोगों के खिलाफ मारपीट और धमकाने का आरोप लगाते हुए परिवाद दाखिल किया था। इसमें MP-MLA कोर्ट ने पहले 6 जनवरी, 2024 को सभी आरोपियों को तलब किया था। दीपक ने जो अर्जी दी, उसमें दावा किया कि 2019 उसकी शादी संघमित्रा से हुई थी। शादी उसके घर पर हुई थी। उसका यह भी दावा है कि संघमित्रा का विवाह पहले विवाह के बाद तलाक लेकर होना चाहिए था।
दीपक का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उसने और संघमित्रा मौर्य ने बौद्ध प्रथा से विवाह कर लिया था। हालांकि दोनों के बीच शादी का खुलासा चुनाव के बाद करने की सहमति बनी थी। दीपक ने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद जब उसने विवाह को सामाजिक मान्यता देने की बात कही, तो संघमित्रा का बर्ताव बदल गया।
उसका कहना है कि अब वह इंदिरा नगर में अलग रहता है। लेकिन उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं। याचिका में अनुरोध किया गया है कि कोर्ट गाजीपुर थाने की पुलिस को याची का उत्पीड़न करने से रोके।
चार महीने पहले
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिना तलाक दिए कथित रूप से दूसरा विवाह करने और धोखा देने के आरोप के मुकदमे में भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या को राहत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने यह आदेश पारित किया।
संघमित्रा मौर्या बदायूं से भाजपा की सांसद हैं, इस चुनाव में भाजपा ने उनको प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। निचली अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
संघमित्रा मौर्या की याचिका पर कोर्ट ने कहा है कि इनको तलब करने का आदेश पारित कर निचली अदालत ने कोई त्रुटि नहीं की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसी मामले में 12 अप्रैल को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की भी याचिका खारिज की जा चुकी है।