नीतीश के बाद क्या बाहुबली धनंजय सिंह का राजनीति भी लेगा यूटर्न?
संकल्प सवेरा,लखनऊ: बिहार में नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके साथ ही उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी हो गई है। इस वापसी से बिहार में सियासत उफान पर है। वहीं बगल के राज्य उत्तर प्रदेश में नीतीश के इस कदम का कितना असर पड़ेगा? ये देखने वाली बात है। अभी तक जो स्थिति थी, वह पूरी तरह बदल चुकी है। पहले नीतीश कुमार को फूलपुर या वाराणसी से लोकसभचा चुनाव लड़वाने की मांग उठ रही थी। अब ताजा माहौल में नीतीश का यूपी से चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीदें खत्म ही हो चली हैं। वहीं दूसरी तरफ नीतीश के इस कदम से पूर्वांचल के बाहुबली नेता धनंजय सिंह के भविष्य को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। सवाल उउठ रहे हैं कि क्या बदली परिस्थितियों में एनडीए जौनपुर से धनंजय सिंह को टिकट देगा?
दरअसल धनंजय सिंह जेडीयू से काफी पुराने समय से जुड़े रहे हैं। एक बार वह जेडीयू के टिकट पर विधायक भी बन चुके हैं। हालांकि इसके बाद उन्होंने बसपा का रुख कर लिया था और सांसद बने थे। उसके बाद धनंजय सिंह को जेडीयू ने राष्ट्रीय महासचिव बनाया था।
2024 के लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह लगातार जौनपुर से टिकट हासिल करने के प्रयास में हैं। नीतीश जब इंडिया गठबंधन में थे और लखनऊ दौरे पर आए थे तो धनंजय उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। यहां समाजवादी पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और शिवपाल सिंह यादव भी धनंजय के साथ खड़े दिखाई दिए थे।
क्या एनडीए से मिलेगा जौनपुर का टिकट?
धनंजय सिंह ने पहली बार 2002 में रारी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता। इसके बाद 2007 में उन्हें जेडीयू से टिकट मिला और वह विधानसभा पहुंचे। लेकिन 2008 में धनंजय जेडीयू छोड़कर बसपा में शामिल हो गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें जौनपुर से टिकट दिया और पहली बार धनंजय सिंह सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। मायावती ने 2011 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाकर बाहर कर दिया।
इसके बाद धनंजय सिंह ने साल 2014 और 2017 विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने प्रयास किया लेकिन जीत नही सके। धनंजय सिंह की 2017 की हार में कहीं न कहीं मुलायम सिंह यादव का विशेष योगदान माना जाता है। 2022 में भी यही हुआ। धनंजय ने मल्हनी से चुनाव जीतने की जीतोड़ कोशिश की लेकिन सपा के लकी यादव से उन्हें हार ही नसीब हुई। इसके बाद से ही धनंजय सिंह 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं।