नैतिकता विहीन जीवन आत्मा विहीन शरीर के समान है – फादर पी विक्टर
सेंटजॉन्स स्कूल में जीवन पर आधारित रेलरूपक परियोजना प्रस्तुत की गई
संकल्प सवेरा, जौनपुर। सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर के शनिवासरीय प्रार्थना सभा में कक्षा नवीं अ के विद्यार्थियों ने जीवन को रेल के रूप में आरोपित कर एक रूपक बनाया। जीवन रूपी रेल के सुचारू संचालन के लिए आशा,कर्त्तव्य और समय की पाबन्दी जैसे डिब्बों का होना अनिवार्य है।इसके अभाव में प्रसन्न जीवन जीना सम्भव नहीं।ईश्वर विश्वास रूपी इंजन के सहारे ये डिब्बे धैर्य रूपी पटरी पर दौड़ते हैं तो जीवन यात्रा सुखद होती है।कक्षाध्यापक सौरभ सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भौतिकता की अंधी आँधी में नैतिकता का पतन देखने को मिल रहा है अतः ज्ञान का मुख्य उद्देश्य भौतिक न होकर नैतिक होना है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने अपने संदेश में कहा कि नैतिकता वह डोर है जिसके सहारे जीवनरूपी पतंग आसमान की ऊँचाइयों को छूती है।नैतिकता की डोर टूटते ही वह जीवन रूपी पतंग पतन को प्राप्त हो जाती है।वस्तुतः नैतिकता विहीन जीवन आत्मा विहीन शरीर के समान है।
इस अवसर पर स्वर्णिमा, हर्षिता शर्मा,अंशुमान,अंशिका एवं प्राची ने कुशल मंच संचालन किया।परियोजना निर्माण में कार्तिकेय अरुण,आयुष मिश्रा एवं सृजल ने सहयोग किया। आराध्या ने धन्यवाद ज्ञापित किया।