रात 8 बज कर 29 मिनट पर 29 सेकंड के फ़ोन कॉल पर मां ने बेटी से पूछा कि ‘कब तक घर आओगी’ तो बेटी ने जवाब दिया कि ‘देर हो जाएगी’.
संकल्प सवेरा इसके बाद मां की बेटी से कोई बात नहीं हुई. अगली सुबह एक महिला पुलिसकर्मी ने कॉल किया और बताया कि ‘आपकी स्कूटी का एक्सीडेंट हो गया है, थाने आ जाइए’.
कंझावला की घटना में जान गंवाने वाली लड़की की मां रास्ते में ही थीं कि उन्हें पुलिस की गाड़ी लेने आई, पहले उन्हें घटना की जगह और फिर सुल्तानपुरी पुलिस थाने ले जाया गया.
लड़की की मां कहती हैं, “मुझे नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हुआ है. मैं पुलिस से गुहार लगाती रही, लेकिन मेरी बेटी को मुझे नहीं दिखाया गया.
लड़की की मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस इसे हिट-एंड-रन का मामला मान रही है.
पुलिस के मुताबिक़, सुल्तानपुरी के कृष्ण विहार इलाक़े में स्कूटी सवार एक लड़की का कार से एक्सीडेंट हुआ, उनका शरीर कार में ही फंसा रह गया और 12 किलोमीटर तक घिसटता रहा. इस हादसे में उनके शरीर का एक हिस्सा घिस गया था.
नए साल की पहली सुबह यानी 1 जनवरी को लड़की का शव दिल्ली के जौंती गांव इलाक़े में नग्नावस्था में मिला था. ऐसी आशंका है कि उनके कपड़े भी घिसकर फट गए होंगे
दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 22 गज में बने मकान में बदहवास बैठी मृतका की मां ने घटना के बाद से कुछ नहीं खाया है.
लड़की की मां कहती हैं, “हमारे पास दस रुपये भी नहीं हैं. बेटी का अंतिम संस्कार कराने के भी पैसे नहीं हैं. मेरी बेटी ही घर की अकेली कमाने वाली थी.”
उनके पति की भी आठ साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वो मानती हैं कि उनकी हत्या हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसे आत्महत्या का मामला बताया था.
पति की मौत के बाद वो अकेले ही अपने छह बच्चों को पाल रही थीं. लेकिन दो साल पहले वो गंभीर रूप से बीमार हो गईं.
इसके बाद उनकी बेटी ने परिवार चलाने की ज़िम्मेदारी संभाल ली. घर की तंगहाली की वजह से मृतका की मां ने अपनी दो बेटियों की शादी भी कम उम्र में ही कर दी थी
वो कहती हैं, “मेरी बेटी बहुत हंसमुख थी. उसे रील्स बनाना पसंद था, वो बहुत ख़ुश रहती थी.”
परिवार के मुताबिक़, लड़की इवेंट में वेलकम गर्ल का काम किया करती थी. वो शादियों में मेहमानों का स्वागत करने जाया करती थी.
लड़की की मां कहती हैं, “वो रोज़ाना 500 रुपये कमाती थी, उसी से हमारा परिवार चल रहा था.”
हालांकि वो या उनके परिवार में किसी को भी ये जानकारी नहीं है कि वो किस इवेंट कंपनी में काम करती थी. परिवार को ये भी नहीं पता था कि 31 जनवरी की रात वो कहां गई थीं.
अपनी बेटी के साथ आख़िरी बातचीत को याद करते हुए उन्होंने बताया, “उसने बस यही कहा था कि आने में देर हो जाएगी, ये नहीं बताया था कि इवेंट कहां है
सोमवार को दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस थाने के बाहर बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों ने पुलिस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी पीड़िता और उसके परिवार के लिए इंसाफ़ की मांग कर रहे थे.
लड़की की दर्दनाक मौत ने इस इलाक़े में सभी को झकझोर दिया है. प्रदर्शन में शामिल होने आई एक महिला ओमवती ने कहा, “हमें लग रहा है पुलिस अपराधियों को बचा रही है. अपराधियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए.”
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और थाने के बाहर लगे एक अभियुक्त के पोस्टर भी फाड़ दिए
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है. ये सभी मंगोलपुरी के रहने वाले हैं.
पुलिस के मुताबिक़, कार को दीपक खन्ना नाम का युवक चला रहा था जबकि उसमें अमित खन्ना, मनोज मित्तल, मिथुन और कृष्णा भी बैठे हुए थे.
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर कार की पहचान की गई और अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया गया.
दीपक खन्ना पेशे से ड्राइवर हैं. अमित खन्ना एक बैंक के लिए काम करत हैं. कृष्णा स्पेन के सांस्कृतिक केंद्र में काम करते हैं