हवन यज्ञ को करके मनाया गया गुरु पूर्णिमा –
उच्चतम कोटि की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है यज्ञ – हरीमूर्ति![]()
जन जन को स्वस्थ रखनें के लिए लिए गए संकल्प
संकल्प सवेरा,जौनपुर –योग गुरु बाबा रामदेव के योग प्रशिक्षकों नें हर्षोल्लास के साथ गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया है। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सैकड़ों जगहों पर हवन और यज्ञ के साथ योगाभ्यास किया गया। पतंजलि योग समिति के सह राज्य प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया है
की यज्ञ स्वयं में उच्चतम कोटि की चिकित्सा पद्धति है और जब इसके साथ नियमित रूप से योगाभ्यास किया जाता है तो बिमारियों के समाधान में बेहतर लाभ होता है। मियांपुर स्थित योगस्थली में हवन और यज्ञ को करते हुए पतंजलि योग परिवार के पदाधिकारियों नें हर घर तक योग और यज्ञ को पहुंचानें के लिए संकल्पित हुए। श्री हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया की अलग अलग समस्याओं में अलग अलग औषधीय गुणों से युक्त सामाग्रियों का प्रयोग करके यज्ञ को किया जाता है।
और इसी औषधीय वातावरण से युक्त परिवेश में जब नियमित और निरन्तर प्राणायामों का अभ्यास किया जाता है तो असाध्य बिमारियों से भी निजात मिल जाता है। इस तरह की पद्धति इन्टिग्रेटेड चिकित्सा पद्वति कहलाती है। श्वसन तंत्र और नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याओं के समाधान में यज्ञ के साथ लम्बे समय तक भस्त्रिका, कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायामों का अभ्यास बेहद ही कारगर होता है।
इसी प्रकार से मधुमेह, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं के समाधान में हवन के साथ सूर्य नमस्कार,मण्डूक आसन के साथ भुजंगासनों का अभ्यास अति आवश्यक होता है।इस मौके पर पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी शम्भु नाथ, शशिभूषण, कुलदीप, डा हेमंत,हरीनाथ, डा ध्रुवराज, विकास,ज्ञान प्रकाश,चन्द्रभूषण यादव,
सिकन्दर, नन्दलाल, रविन्द्र, प्रेमचन्द, संतोष,इन्द्रभान, लालता प्रसाद, अदालत,मुन्नर राम, स्वदेश, रामकुमार, राजीव सिन्हा, सुशील शर्मा सहित अन्य योग शिक्षकों की उपस्थिति रही।












