पुरानी से पुरानी बवासीर का शर्तिया इलाज कर सकती हैं घर-घर में मिलने वाली ये 4 जड़ी बूटियां
संकल्प सवेरा। बवासीर के इलाज की बात करें, तो एक्सपर्ट फाइबर और पानी से भरपूर चीजों के सेवन की सलाह देते हैं। जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड टेक्नोलॉजी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बवासीर के इलाज के लिए कुछ जड़ी बूटियां भी हैं, जो आपके लिए कारगर साबित हो सकती हैं।
बवासीर एक गंभीर समस्या है जिससे आजकल बहुत लोग परेशान हैं। यह गुदा में होने वाली एक समस्या है जिसमें अक्सर अंदर और बाहर की नसों में सूजन हो जाती है। बवासीर होने पर मल त्याग करना कठिन हो जाता है और जब ज्यादा जोर लगाया जाता है, तो इन नसों पर दबाव बनता है जिससे खून आ सकता है और गंभीर दर्द हो सकता है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बवासीर का सबसे बड़ा कारण कब्ज है, जो गलत खान-पान या सुस्त जीवनशैली की वजह से हो सकता है। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक और बाहरी। आंतरिक बवासीर में गुदा के अंदर नसें फूल जाती है और जोर लगाए जाने पर उनमें खून आ सकता है। बाहरी बवासीर में गुदा के बाहर मस्से बन जाते हैं जिससे मल त्याग करना कठिन और दर्दनाक बन जाता है।
इलाज एक्सपर्ट फाइबर और पानी से भरपूर चीजों के सेवन की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि हेल्दी डाइट लेकर और फिजिकल एक्टिविटी में शामिल होकर इससे निपटा जा सकता है। जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड टेक्नोलॉजी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बवासीर के इलाज के लिए कुछ जड़ी बूटियां भी हैं, जो आपके लिए कारगर साबित हो सकती हैं
तिल के बीज और तेल खत्म करेगा बवासीर
इसका वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडिकम है। इसके पौधे उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह बढ़ते हैं। अध्ययन के अनुसार, यह खूनी बवासीर में उपयोगी हो सकते हैं। इसके लिए इसे पीसकर मक्खन के साथ लिया जाना चाहिए। इसके अलावा आप 60 ग्राम बीजों को अच्छी तरह चबाकर खा सकते हैं। बाहरी बवासीर पर तिल का तेल लगाने से आराम मिलता है
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज जामुन का पेड़
इसका वैज्ञानिक नाम सायजीजियम क्यूमिनी है। जामुन एक बड़ा सदाबहार पेड़ है जिस पर गहरे बैंगनी काले रंग के फल आते हैं। जामुन का मीठा-खट्टा स्वाद होता है। इसके फल को मौसम में 2-3 महीने तक नमक के साथ लेना चाहिए। हर मौसम में इस फल का सेवन करने से बवासीर से खून बहने से बचा जा सकता है। ताजे फल को शहद के साथ लेने से भी लाभ होता है
बवासीर के लिए नीम
अध्ययन के अनुसार, बवासीर के मरीजों के लिए नीम फायदेमंद हो सकता है। बाजार में नीम का तेल भी मिलता है, जो बवासीर में असरदार है। इस तेल को दिन में दो बार प्रभावित जगह पर लगाने से दर्द और खुजली कम हो जाती है, जिससे समस्या के बढ़ने की संभावना कम हो जाती है और साथ ही राहत मिलती है
बवासीर का घरेलू इलाज है-एलोवेरा
अध्ययन के अनुसार, इसका उपयोग आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर में किया जाता है। इसे सीधे गुदा पर लगाया जा सकता है या एलोवेरा का रस (दिन में तीन बार 1 कप) भी लिया जा सकता है। यह उपचार में तेजी लाने, खुजली और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह रक्तस्राव को रोकने में भी मदद करता है।
चेतावनी: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें सोर्स नवभारतटाइम्स।