निर्माण एवं सृजन के पुरोधा भगवान विश्वकर्मा -डॉ0 विनय कुमार त्रिपाठी
संकल्प सवेरा,सुजानगंज – देवताओं के शिल्पी, सृष्टि निर्माता, निर्माण एवं सृजन के पुरोधा भगवान विश्वकर्मा हैं। जिन्होंने सृष्टि की रचना कर संपूर्ण ब्रह्मांड का निर्माण किया। भगवान विश्वकर्मा वास्तुकला के सर्वश्रेष्ठ शिल्पकार है।
वर्तमान अभियांत्रिकी का जन्म भगवान विश्वकर्मा से ही हुआ है।शिल्प और निर्माण,ज्ञान और कौशल की सार्थकता इसी में है कि उसका सही उपयोग किया जाय।अन्यथा उसका कोई अर्थ नहीं।
उक्त बातें ललिता आई0टी0आई के निदेशक एवं श्री गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 विनय कुमार त्रिपाठी ने आई0टी0आई संस्थान में आयोजित विश्वकर्मा पूजा कार्यक्रम के दौरान कही। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं पूजन अर्चन से प्रारंभ हुआ।
आई0टी0आई के छात्रों ने औजारों की साफ – सफाई के साथ-साथ उनकी पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पंडित शिवानन्द चतुर्वेदी ने कहा कि हमें भगवान विश्वकर्मा की तरह समाज और देश के निर्माण में आगे आना चाहिए। सर्वप्रथम रथ का आविष्कार भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था और बिना पहियों के आज समाज चल नहीं सकता। हमें अपने अंदर वस्तुओं को सीखने एवं बनाने की कला विकसित करनी चाहिए ।
जिससे हम नई तकनीकी का विकास कर सके। हमारे अंदर सतत अन्वेषण की शिक्षा प्राप्त करने का ध्येय होना चाहिए।पूजन अर्चन के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रघुवीर महाविद्यालय के बी0एड0 विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शारदा प्रसाद सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन छात्र श्लोक पांडे ने किया।
इस अवसर पर पृथ्वीपाल त्रिपाठी आई0टी0आई की प्रधानाचार्य अनुपम यादव एवं ललिता आई0टी0आई के प्रधानाचार्य मुंशीलाल पटेल तथा संदीप कुमार , अभिषेक तिवारी, अशोक पटेल, भोला पटेल आदि अनुदेशकों के साथ आई0टी0आई के छात्र मौजूद रहे।
विशेष संवाददाता जय प्रकाश तिवारी