सुपोषित बच्चों को नही मिलता बाल पुष्टाहार
वितरण में भारी अनियमितता से बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में
संकल्प सवेरा,केराकत (जौनपुर)। क्षेत्र के ग्राम तेजपुर में इन दिनों सरकार द्वारा नौनिहालों के बेहरत स्वास्थ्य के लिये चलायी जाने वाली बाल विकास परियोजना की सारी वितरण प्रणाली में भारी अनियमितता के चलते बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में नजर आ रहा है।
तेजपुर के दनौआ बस्ती के नौनिहालों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सारी खाद्य सामग्री व पुष्टाहार आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा हजम किये जाने से धात्री व नौनिहालों में कुपोषण का खतरे को झेलने पर मजबूर हो गयी है। शून्य से तीन वर्ष व तीन वर्ष से छह वर्ष के सुपोषित बच्चों को बाल विकास परियोजना द्वारा एक किलो गेंहू, एक किलो चावल,
आधा किलो चना की दाल व आधा लीटर रिफाइन आधा किलो गेंहू दिया जाता है। साथ ही कुपोषित बच्चों को डेढ़ किलो गेंहू, डेढ़ किलो चावल, दो किलो चना दाल, आधा लीटर रिफाइन तेल देने का प्राविधान 24फरवरी 2021 से सरकार ने लागू किया है। वही गर्भवती धात्री को भी सरकार द्वारा एक किलो चना दाल, डेढ़ किलो गेंहू,
एक किलो चावल व आधा लीटर रिफाइन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों या स्वयं सहायता समूह द्वारा दिया जाता है। शासन की इस प्रभावी व बाल संरक्षण की योजना की आंगन वाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों को यह कहकर पानी फेरा जा रहा है कि तुम्हारा बच्चा स्वस्थ है उसे राशन नही मिलेगा। वही गाँव मे रितिक,विवान, सृष्टि, सगुन,
शिवम,रितेश,अंकुल,रूही, सिद्धार्थ,पलक,आदित्य, जय,वीर व कृष्णा के परिजनों का कहना है कि मेरे बच्चे का नाम सूची में लिखकर आंगनवाड़ी वाली मैडम ले गयी है पर कभी भी राशन व अन्य सामग्री आज तक नही दिया। सभी बच्चों की उम्र छह वर्ष से कम है। इस सम्बन्ध में जब प्रभारी बाल विकास
परियोजनाधिकारी रीता सिंह से वार्ता किया गया तो स्पष्ट जबाव देने से बचती रही। वही उन्होंने कहा कि गाँव मे वितरण अनियमितता की शिकायत हमें भी मिल रही है,जांच कर वितरण व्यवस्था सही करायी जायेगी।
 
	    	 
                                












