क्षयरोग के उपचाराधीनों का शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन अनिवार्य : डीटीओ
अधिक से अधिक उपचाराधीनों को मुफ्त सरकारी दवा दिलाने का करें प्रयास
सीएमई के तहत एनटीईपी, आईएमए की बैठक में क्षय उपचार में लगे निजी चिकित्सकों की बैठक
इस वर्ष 4219 टीबी मरीज मिले,
निक्षय पोषण योजना के तहत करीब 95 लाख रुपए का हुआ भुगतान
संकल्प सवेरा,जौनपुर । स्वास्थ्य विभाग एवं जीत प्रोजेक्ट के संयुक्त तत्वाधान में निजी होटल में कान्टीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) प्रोग्राम के तहत क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बैठक हुई। बैठक में टीबी रोगियों का इलाज करने वाले शहर के निजी चिकित्सकों ने भाग लिया।
बैठक में ज्यादा से ज्यादा रोगियों का नोटिफिकेशन कराने पर जोर दिया गया। अधिकतम टीबी रोगियों को मुफ्त सरकारी दवा दिलवाने की बात कही गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे क्षय रोगियों का शत-प्रतिशत नोटीफिकेशन कराना अनिवार्य है।
यदि निजी अस्पताल में इलाज करा रहे किसी रोगी को सरकारी टीबी की दवा चाहिए तो वह एक मांगपत्र जीत प्रोजेक्ट के माध्यम से जिला क्षयरोग कार्यालय भेजकर प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के जिन रोगियों का खाता नम्बर नहीं मिला है, उसे अतिशीघ्र उपलब्ध करा दें जिससे लाभार्थियों को निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि जल्द से जल्द उन्हें दिलाई जा सके।
कार्यक्रम के स्पीकर डॉ आरपी यादव ने प्रस्तुतीकरण देकर उपचार, दवा, जांच करवाने तथा नोटिफिकेशन किए जाने का तरीका बताया।
उन्होंने कहा कि पहली श्रेणी के रोगियों के लिए छह महीने लगातार ढंग से इलाज किया जाना जरूरी है। बीच-बीच में अस्पताल, जीत प्रोजेक्ट तथा जिला क्षयरोग विभाग उसका फॉलोअप लेंगे।
जांच में मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस टीबी (एमडीआर) कन्फर्म होने के बाद तीन दिन के अंदर उनकी दवा शुरू कर देनी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सलाहकार डॉ किरन ने टीबी रोगियों के उपचार से जुड़े दिशा-निर्देशों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि जांच के बाद एमडीआर रोगियों को 18 से 24 महीने लगातार उपचार पर रहना चाहिए। दवा खाने में एक दिन का भी नागा नहीं होना चाहिए। बीच में कोई समस्या आती है तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
पाथ संस्था के सलाहकार डॉ प्रवीन सिंह ने भारत सरकार का एक राजपत्र दिखाते हुए जीत प्रोजेक्ट के माध्यम से टीबी रोगियों का नोटीफिकेशन कराने की सलाह दी।
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सलिल यादव ने सेंट्रल टीबी डिवीजन के अनुसार 2020-21 की नोटिफिकेशन रिपोर्ट शेयर कर जौनपुर जिले की अब तक उपलब्धियां बताईं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक 4219 टीबी मरीज मिले हैं और इस वर्ष अभी तक निक्षय पोषण योजना के तहत करीब 95 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके साथ ही सभी डॉक्टरों से शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयास करने का निवेदन किया।
कार्यक्रम को जीत प्रोजेक्ट के आपरेशन मैनेजर रजनीकांत पांडे ने भी संबोधित किया तथा नितिन सिंह, अतुल यादव, आनंद कुमार, अजय सिंह तथा एनटीईपी की ओर से राजीव श्रीवास्तव, सुशील अग्रहरि आदि मौजूद रहे।