नीति आयोग के माध्यम से विद्यालय को 20 लाख रुपये स्वीकृत:
अपने आइडिया को हकीकत में बदलता देखेंगे छात्र,स्कूलों में मिनी लैब खुलने की हुई शुरुवात:
संकल्प सवेरा मछलीशहर। केंद्र सरकार के सहयोग से होरिलराव इंटर कालेज कुंवरपुर में जनपद का पहला “अटल टिंकरिंग लैब”खुलेगा।नीति आयोग के माध्यम से 20 लाख रुपये स्वीकृत हो चुका है।स्कूलों में मिनी लैब खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा 6से लेकर 12 के छात्र अपने आइडिया को हकीकत में बदल सकते हैं।
साइंस में रुचि रखने वाले छात्रों के लिये बहुत अच्छी खबर है।अब विज्ञान के माध्यम से आसानी से रोजगार पा सकेंगे।यह सम्भव हुआ है “अटल टिंकरिंग लैब”से।बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इन्नोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब खोलने का देश भर में प्रयोग शुरु किया।अब स्टूडेंट आइडिया बेस्ड विज्ञान को साकार कर सकेंगे।यह लैब थ्री डी प्रिंटिंग,आर्टीफिशियल इन्टीलिजेन्स और रोबोटिक्स के नये तकनीकों से छात्रों को रुबरु होने का अवसर देता है।अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21वीं शताब्दी के जरुरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा।
शिक्षा व्यवस्था में पहले पायदान से ही उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को साधने का मौका देता है।केंद्र की मोदी सरकार इन्हें न्यू इंडिया के सपनों को पूरा करने के लिये सबसे बड़ा कदम मानती है।विशेषज्ञों के मुताबिक बीते साल आये स्पायरिंग माइंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 94%इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स
हायर के लायक नहीं हैं।आई टी सेक्टर में आये नये तकनीकों की जानकारी इन्हें न के बराबर है।मशीन लर्निंग,इंटरनेट आफथिंक्स,आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स और क्लाउड कंप्यूटरिंग जैसे उभरते नये तकनिकों से युवा पीढ़ी की स्कूलों में ही परिचित करवाना होगा,ताकि इन्डस्ट्री के स्किल डिमांड को पूरा किया जा सके।विशेषज्ञों का मानना है कि “अटल टिंकरिंग लैब”इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।खासकर गांव के नौनिहालों की प्रतिभा निखारने का केन्द्र सरकार द्वारा अभिनव पहल है।