डेंगू फीवर के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही हो सकती है जानलेवा:डा० प्रशांत कुमार पान्डेय
संकल्प सवेरा मुफ्तीगंज बरसात के समय में डेंगू बुखार होता है यह बातें डा० प्रशांत कुमार पान्डेय से जानकारी लेने पर उन्होने बताया कि हम सभी जानते है कि डेंगू एक वायरल सक्रंमित बीमारी है जिसका कारण डेंगू बुखार एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।
मच्छर के काटने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं।
उन्होने बताया कि डेंगू बुखार के क्या क्या लक्षण है
ठंड लगना, ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़नासिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना आंखों केपिछले हिस्से में दर्द होना बहुत ज्यादा कमजोरी लगना भूख न लगना
जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना गले में हल्का-सा दर्द होना
शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज का होना यह सब डेंगू के लक्षण है
श्री डाक्टर ने बताया कि डेंगू बुखार कई प्रकार का होता है
1–सामान्य डेंगू बुखार –
इसमें बुखार के साथ तेज बदन दर्द, सिर दर्द खास तौर पर आंखों के पीछे और शरीर पर दाने हो जाते है। यह जल्द ठीक हो जाता है। एक डेंगू बुखार ऐसा भी होता है जिसमें लक्षण नहीं उभरते। ऐसे मरीज का टेस्ट करने पर डेंगू पॉजिटिव आता है लेकिन वह खुद-ब-खुद बिना तय समय पर इलाज से ठीक हो जाता है।
2–क्लासिकल डेंगू बुखार- यह डेंगू फीवर एक नॉर्मल वायरल फीवर है। इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, तेज सिर दर्द, शरीर पर दाने जैसे लक्षण दिखते हैं। यह डेंगू 5-7 दिन के सामान्य इलाज से ठीक हो जाता है।
3–डेंगू हेमरेजिक बुखार – यह बुखार खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें प्लेटलेट और वाइट ब्लड सेल्स की संख्या कम होने लगती है। नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना या स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के चकत्ते जैसे लक्षण हो सकते है
4- डेंगू शांकर सिंड्रोम- इसमें मरीज धीरे धीरे हौशला खोने लगता है उसका बीपी और नब्ज एकदम कम हो जाती हैऔर तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी लगती है
इनके बचाव क्या है लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें साथ ही डॉक्टर द्वारा दिये गए दिशा निर्देश का पालन करें
आउटडोर में पूरी बांह की शर्ट, बूट, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात का जरूर ध्यान रखे
कमरे में मच्छर भगानेवाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।
सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो। कूलर का पानी बदलते रहें। पानी को ढंक कर रखें। इन जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं।
यदि कोई खुला जल स्रोत है, जिसे आप हटा नहीं कर सकते हैं, तो उसे या तो ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक अप्लाई करें।