पीएम नरेंद्र मोदी के हेलो करते ही चौंक गए जौनपुर के दिनेश
रविवार की सुबह 7: बजे गुजरात के पंचमहल कलोल कस्बे के बाहर टैंकर खड़ा कर चाय की प्रतीक्षा में थे दिनेश, जब आया था उनके मोबाइल पर प्रधानमंत्री का फोन
जौनपुर,संकल्प सवेरा। इन्द्रजीत सिंह मौर्य, प्रणय तिवारी जिले के हसनपुर जमुआ गांव निवासी दिनेश कुमार उपाध्याय (48) को रविवार को उनके मोबाइल पर सुबह सात बजे कॉल आया। हेल्लो बोलने पर उधर से गंभीर आवाज आई… मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी बोल रहा हूं, आप कैसे हो? तो उन्हें विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि उनकी बात देश के प्रधानमंत्री से हो रही है।
10-15 सेकेंड तक वे निशब्द हो गए। फिर से उधर से आवाज आई तो उन्हें विश्वास हुआ कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री फोन पर हैं।
दिनेश ने इस संवाददाता से फोन पर बात करते हुए बताया कि यह मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल था। जिस सहज व सरल भाषा में मोदी जी उनसे बात किए वह मेरे लिए अविश्वसनीय हो रहा था। मुझे अपने देश के प्रधानमंत्री पर गर्व है।
दिनेश ने बताया कि पीएम मोदी ने सबसे पहले उनके परिवार और बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। बच्चों की पढ़ाई कोविड 19 के चलते ऑनलाइन हो रही है कि नहीं? ऑक्सीजन लेकर चलते हैं तो डर तो नहीं लगता। अस्पताल में पहुंचने पर कोई समस्या तो नहीं होती। कभी कोई दिक्कत तो नहीं आया। बच्चों को खूब अच्छी शिक्षा दीजिए उन्हें अच्छा नागरिक बनाइए। आप का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है। आप कोविड के संक्रमण काल में बहुत बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
दिनेश ने बताया कि रविवार की सुबह करीब सात बजे जब प्रधानमंत्री ने कॉल किया तो वे गुजरात के पंचमहल कलोल कस्बे के बाहर टैंकर खड़ा कर चाय की प्रतीक्षा में थे।
मध्यम वर्गीय परिवार के दिनेश इंटर तक की पढ़ाई के बाद अपने बड़े भाई कमलेश उपाध्याय के पास आ गए थे। कमलेश भी खुद ऑक्सीजन टैंकर चलाते हैं। मलगांव स्थित कंपनी का वाहन चलाते हुए उन्हें कभी दिक्कत महसूस नहीं हुई।
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बेहद ही मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं दिनेश
जौनपुर। जिले के पिछड़े इलाके और बेहद ही मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले दिनेश कुमार उपाध्याय के परिवार में उनके गांव में उनकी पत्नी निर्मला, बेटा आर्यन (18), दो बेटियां सोनी (16) व प्रीति (10) रहती हैं। चार भाइयों में वे दूसरे स्थान पर हैं। करीब पांच मिनट की वार्ता में प्रधानमंत्री ने दिनेश के काम को सराहा, हौसला बढ़ाया और इससे दूसरों को प्रेरणा लेने की बात कही। पीएम मोदी से बात कर दिनेश भी गदगद हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने काम का इनाम मिल गया है। दिनेश ने बताया कि वह पिछले 15-17 वर्षों से टैंकर चला रहे हैं। पहले उनके काम को कोई महत्व नहीं मिलता था। लोग सामान्य रूप से चालकों जैसा व्यवहार करते थे। जाम में घंटों खड़ा रहना होता था। अब लोग उन्हें महत्व देते हैं। जाम में प्रशासन उनके वाहन को विशेष व्यवस्था कर निकल वाता है।
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ऑक्सीजन टैंकर चलाने पर अब मिलता है सम्मान
जौनपुर। दिनेश ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन लेकर पहुंचते तो काफी सम्मान भी मिलता है और इससे भी ज्यादा खुशी व तसल्ली तब मिलती है, जब हमारे ऑक्सीजन की वजह से किसी की जान बचती है। मरीज के परिवार वाले हाथ उठाकर अभिवादन करते हैं और ताली बजाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका (दिनेश) का काम प्रसंसनीय है। आप परिवार की चिंता छोड़कर देश और समाज के लिए काम कर रहे हैं। लाखों लोगों का जीवन बचा रहे हैं। कोरोना के समय मे आपकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। मुझे आप जैसे लोग पूरे निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश की सेवा कर रहे हैं।