मुंगराबादशाहपुर ,संकल्प सवेरा जौनपुर । प्रदेश सरकार के पंचायत चुनाव कराने के अदूरदर्शी निर्णय से लगभग 7 सौ शिक्षकों समेत अन्य तमाम कर्मचारी असमय में ही चुनाव ड्यूटी करते समय कोरोना वायरस से संक्रमित हो कर काल के गाल में समा चुके हैं । इसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है जिसे चुनाव ड्यूटी करने के लिए जबरन मजबूर किया गया । उक्त बातें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी शिक्षक प्रकोष्ठ के महासचिव डॉ0 प्रमोद के0 सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी । उन्होंने कहा कि कोरोना के दूसरी लहर की भयावहता के बारे में एक बार भी विचार किए बिना प्रदेश की लगभग 60 हजार ग्राम पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया गया ।
इस दौरान बैठकें हुईं , चुनाव अभियान चला , तमाम लोग देश के अन्य प्रदेशों से बहुत से लोग गाँव में आए जिससे ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है । ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही है जो झूठे सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है । समूचे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोगों की घरों में मृत्यु हो जा रही है इनको कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिना भी नहीं जा रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं । सरकार का रुख सच दबाने की तरफ है और उसका अधिकतम प्रयास जनता व लोगों की दिन रात सेवा कर रहे मेडिकल समुदाय को भयभीत करने में रहा है । प्रदेश में जो घटित हो रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है जिसमे प्रदेश सरकार के साथ चुनाव आयोग भी बराबर का भागीदार है ।
प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 7 सौ शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों की मृत्यु की खबर दुःखद और डरावनी है । चुनाव ड्यूटी करने वालों की सुरक्षा का प्रबन्ध लचर था तो उनको भेजा ही क्यों गया ? उन्होंने सभी शिक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपए मुआवाजा व आश्रितों को सरकारी नौकरी दिए जाने की माँग किया ।