…अब तो ये मंज़र डराने लगा है
शहर में अजीब सी ख़ामोशी और जलती हुईं चिताएं
जेड हुसैन (बाबू)
जौनपुर, संकल्प सवेरा। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। अपनी टेक्नोलॉजी और ताकत पर गुरुर करने वाले अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, रूस समेत समूची दुनिया को एक छोटे से न दिखने वाले वायरस ने पस्त कर दिया है। कोरोना ने साल 2020 में भारत में इंट्री लो तो पहले लोगो ने हल्के में लिया लेकिन कुछ ही दिनों में कोरोना ने लोगो की जान लेना शुरू कर दिया। आनन-फानन में सरकार ने कई जरूरी कदम भी उठाए और इस पर कंट्रोल बहुत मुश्किल से पाया। आज 2021 के अप्रैल महीने में कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह हो चुकी है कि हर दिन रिकॉर्ड टूट रहे हैं। जौनपुर की बात करे तो दिन-प्रति दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करे तो ये पहले से ही राम भरोसे थी कब और भी हालत बिगड़ चुकी है। जिला अस्पताल में बने कोविड वार्ड के अधिकतर बेड फुल हैं। रामघाट पर अंतिम से संस्कार करने वाले लोगों का कहना है कि 20-20 लाशें आती है हालांकि ये आकड़ा सरकारी नहीं है लेकिन प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या जरूरत। हकीकत तो ये है कि अभी वैज्ञानिक और चिकित्सा जगत के पुरोधा इस वायरस को स्टडी कर रहे हैं। सबका अपना-अपना तर्क है। जिला प्रशासन भी देर से जागा है। फ़िलहाल जब तक दवाई नही तब तक ढिलाई नही, दो गज की दूरी है बहुत ज़रूरी के फार्मूले पर ही चलना होगा। शहर में अजीब सी ख़ामोशी और जलती हुईं चिताएं हैं कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अब तो ये मंज़र डराने लगा है।