पूर्व प्रधानमंत्री के विचारों पर चलें युवा वशिष्ठनारायण सिंह
जौनपुर,संकल्प सवेरा। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के जयंती पर जनपद के समाजवादी चिंतक एवं विचारक जिन्होंने चन्द्रशेखर जी के नेतृत्व में अपनी राजनीति शुरू की थी वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहाकि भारत के युवकों को चन्द्रशेखर जी के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिये। उनके विचारों में राष्टकृवाद कूट.कूटकर भरा था। उनके विचारों को आत्मसात करके ही आधुनिक भारत की परिकल्पना की जा सकती है। देश के किसानों गरीबों और मजलूमों की पीड़ा समझने के लिए उन्होंने पूरे देश की पदयात्रा की थी। जब वो प्रधानमंत्री थे उस समय देश में कश्मीरए असम पंजाब जल रहा था कि चन्द्रशेखर ने धैर्य के साथ देश के ज्वलंत समस्याओं का समाधान किया। श्री चन्द्रशेखर अपने छात्र जीवन से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे और क्रांतिकारी जोश एवं गर्म स्वभाव वाले वाले आदर्शवादी के रूप में जाने जाते थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ;1950.51 से राजनीति विज्ञान में अपनी मास्टर डिग्री करने के बाद वे समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए। उन्हें आचार्य नरेंद्र देव के साथ बहुत निकट से जुड़े होने का सौऽााग्य प्राप्त था। वे बलिया में जिला प्रजा समाजवादी पार्टी के सचिव चुने गए एक साल के भीतर वे उत्तर प्रदेश में राज्य प्रजा समाजवादी पार्टी के संयुक्त सचिव बने। 1955.56 में वे उत्तर प्रदेश में राज्य प्रजा समाजवादी पार्टी के महासचिव बने। 1962 में वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।
वे जनवरी 1965 में भारतीय राष्टकृीय कांग्रेस में शामिल हो गए। 1967 में उन्हें कांग्रेस संसदीय दल का महासचिव चुना गया। संसद के सदस्य के रूप में उन्होंने दलितों के हित के लिए कार्य करना शुरू किया एवं समाज में तेजी से बदलाव लाने के लिए नीतियाँ निर्धारित करने पर जोर दिया। इस संदरभ में जब उन्होंने समाज में उच्च वर्गों के गलत तरीके से बढ़ रहे एकाधिकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई तो सत्ता पर आसीन लोगों के साथ उनके मतभेद हुए।