नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर दिख रहा है। देश के कई राज्यों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस का एक भी भारतीय वैरिएंट केस सामने नहीं आया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने घोषणा की है कि देश में अब तक कोरोना वायरस का एक भी ऐसा वैरिएंट नहीं पाया गया है जिसमें भारतीय संस्करण मिला हो। ICMR के महासचिव बलराम भार्गव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस का कोई भारतीय वैरिएंट नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन और कोविशिल्ड वैक्सीन ने यूके और ब्राजील के वेरिएंट के खिलाफ अपना असर दिखाया है। जबकि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट की वैक्सीन पर अभी भी काम चल रहा है।
देश के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि जब भी कोई वायरस अपनी जगह से शिफ्ट होता है, तो वह महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजरता है। इसलिए वैक्सीन का इस पर करना जरूरी होता है जिससे ये पता चल सके कि वायरस के खिलाफ वैक्सीन कारगर है या नहीं।
देश के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि जब भी कोई वायरस अपनी जगह से शिफ्ट होता है, तो वह महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजरता है। इसलिए वैक्सीन का इस पर करना जरूरी होता है जिससे ये पता चल सके कि वायरस के खिलाफ वैक्सीन कारगर है या नहीं। जिसे वेरिएंट या म्यूटेंट वायरस के रूप में जाना जाता है।
कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी है कि भारत में कोरोना वायरस के एक नए ‘डबल म्यूटेंट’ वेरिएंट का पता चला है। मंत्रालय ने बताया था कि कई ‘वेरिएन्ट्स ऑफ कंसर्न्स’ देश के 18 राज्यों में पाए गए हैं। इसका मतलब हुआ कि कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकार का अलग-अलग जगहों पर पता चला है जो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। इस बीच, नई चेतावनी ऐसे समय आई है जब भारत में संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं और कई राज्य नए सिरे से लॉकडाउन लागू करने के मुहाने पर खड़े हैं।