नई दिल्ली.संकल्प सवेरा सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड से जुड़े नहीं होने के कारण करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने को बुधवार को ‘‘अत्यंत गंभीर’’ मामला बताया और इस मामले पर केंद्र सरकार एवं सभी राज्यों से जवाब मांगा. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एसी बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि इसे विरोधात्मक मामले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है. पीठ ने कहा कि मामले पर अंतिम सुनवाई होगी. सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता कोयली देवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि याचिका एक बड़े मामले को उठाती है.
‘तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द’
सीजेआई ने कहा, ‘‘बॉम्बे हाईकोर्ट में भी मेरे सामने इसी प्रकार का मामला आया था. मुझे लगता है कि यह मामला संबंधित हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था.’’ पीठ ने वकील से कहा कि उन्होंने मामले का दायरा बढ़ा दिया है. गोंजाल्विस ने दलील दी कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है, क्योंकि केंद्र ने करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं. पीठ ने कहा कि वह किसी अन्य दिन मामले की सुनवाई करेगी, क्योंकि गोंसाल्वेस ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि गोंसाल्वेस ने यह गलत बयान दिया कि केंद्र ने राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं.
‘मुख्य मामला भूख से मौत होना’
पीठ ने कहा, ‘‘हम आपसे (केंद्र से) आधार कार्ड मामले के कारण जवाब मांग रहे हैं. यह विरोधात्मक मुकदमा नहीं है. हम अंतत: इस पर सुनवाई करेंगे. नोटिस जारी किए जाए, जिन पर चार सप्ताह में जवाब दिया जाए.’’ लेखी ने कहा कि इस मामले में नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं और केंद्र का जवाब रिकॉर्ड में है. गोंजाल्विस ने कहा कि नोटिस मुख्य याचिका पर नहीं, बल्कि वैकल्पिक शिकायत निस्तारण पर जारी किया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य मामला तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किया जाना और भूख से मौत होना है.’’
 
	    	 
                                












