“किसान”
जहां देखो वहां किसान।
कहीं ठगता किसान।
कहीं जलता किसान।
कहीं मरता किसान।
कहीं अमीर किसान।
कहीं गरीब किसान।
कहीं मस्ती में किसान।
कहीं परेशान किसान।
कहीं जनता किसान।
कहीं नेता किसान।
कहीं हिन्दू किसान।
कहीं मुस्लिम किसान।
कहीं सिख किसान।
जहां देखो वहां किसान।
कहीं अच्छा किसान।
कहीं बुरा किसान।
कहीं ज़मीनी किसान।
कहीं भाड़े का किसान।
कहीं आतंकी किसान।
कहीं देशभक्त किसान।
कहीं हमारे किसान।
कहीं तुम्हारे किसान।
कहीं मैं किसान।
कहीं वो किसान।
कहीं हम सब किसान।
फिर भी परेशान क्यों किसान?
-पीयूष चतुर्वेदी